कांग्रेस में अध्यक्ष पद की पर राहुल गांधी की ताजपोशी की संभावनाएं फिर से तेज होती दिख रही हैं। अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी राहुल को सौंपने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कवायद तेज कर दी है। राज्यों में प्रियंका और राहुल की बढ़ती सक्रियता यही इशारा कर रही है।
इस साल सितंबर-अक्तूबर तक कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन राजस्थान और पंजाब में कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी ने राहुल और प्रियंका के सामने मुश्किले खड़ी कर दी थी। लेकिन पंजाब और राजस्थान में पार्टी की कलह को सुलझाने के लिए राहुल-प्रियंका सक्रिय दिख रहे हैं। पंजाब में लंबी चली खींचतान के बाद अगर नवजोत सिंह सिद्धू को जिम्मेदारी मिली है तो उसके पीछे प्रियंका ही हैं। वहीं राजस्थान में पार्टी के अंदर के कलेश को समाप्त करने में भी अब प्रियंका पूरी तरह से जुड़ गई हैं। वो बागी तेवर दिखा रहे सचिन पायलट से लगातार संपर्क हैं। पंजाब की तरह ही प्रियंका राजस्थान में भी सचिन पायलट की मांगों पर विचार कर रही हैं और आश्वासन दे चुकी हैं।
जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है तो यह राज्य कांग्रेस के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यहां भी प्रियंका ने कमर कस ली है और राज्य के अलग-अलग जिलों के दौरे का सिलसिला शुरु कर दिया है।
कर्नाटक कांग्रेस का विवाद भी राहुल और प्रियंका ने सुलझा लिया है। बीते हफ्ते सिद्धारमैया और अध्यक्ष डीके शिवकुमार के साथ दिल्ली में राहुल ने बातचीत की। वहीं उत्तराखंड में भी लंबे समय तक उलझा फैसला राहुल के हस्तक्षेप के बाद साफ होता दिख रहा है।