रूपेश सिंह हत्याकांड में बिहार पुलिस अंधेरे में तीर मार रही है । जहां एक ओर बिहार पुलिस इस हत्याकांड को कांट्रेक्ट किलिंग करार देते हुए सुपारी किलर तथा इस घटना के मास्टरमाइंड की तलाश में है वही परिजन सीबीआई जांच की मांग लगातार कर रहे हैं । पुलिस सूत्रों का दावा है कि इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या का मास्टरमाइंड कोई सत्ता के नजदीक सफेदपोश भी हो सकता है और उसी ने पेशेवर शूटरों को सुपारी देकर हत्या करवाई है । जांच में जुटी बिहार पुलिस एसआईटी को इस बात की जानकारी हो चुकी है कि रूपेश सिंह की हत्या करवाने वाला मास्टरमाइंड शातिर प्रवृत्ति का है और वह अपनी भूमिका को पर्दे के पीछे रखे हुए है। फिलहाल बिहार पुलिस की प्राथमिकता इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों को पकड़ने की है। पुलिस का कहना है कि अगर शूटर पकड़े गए तो पुलिस टीम उस मास्टरमाइंड तक भी आसानी से पहुंच जाएगी। सूत्रों की मानें तो एसआईटी शूटरों का पता लगा रही है और पुलिस को इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। पटना तथा आसपास के इलाके के रहने वाले दो से तीन अपराधियों के नाम भी सामने आये हैं, जिनके घरों पर छापेमारी की गयी है। पटना के अलावा दूसरे जिलों में भी पुलिस टीम अपराधियों को तलाश रही है।
रूपेश सिंह की एक परिचित से हुई थी बहस
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ दिनों पहले रूपेश सिंह की एक व्यक्ति से काफी देर तक बहस हुई थी । जिस व्यक्ति की रुपेश सिंह से बहस हुई थी, वह उसका पूर्व परिचित बताया जाता है। इस हाईप्रोफाइल घटना की तफ्तीश कर रही पटना पुलिस की टीम के हाथ कई और जानकारियां लगी हैं। पुलिस टीम को पता चला है कि कुछ समय पहले रूपेश का उनके एक जानने वाले के साथ विवाद हुआ था। इस पहलू पर जांच की जा रही है। बताया जाता है कि जिसके साथ विवाद हुआ था वह भी नौकरी पेशा व्यक्ति है। हालांकि अभी तक इस बात पर बहस हुई या जानकारी स्पष्ट नहीं है ।
रूपेश सिंह के बारे में कई जानकारियां जुटा रही है पुलिस
रूपेश सिंह के नौकरी और टेंडर व्यवसाय को लेकर भी जानकारियां हासिल की जा रही हैं। टेंडर के अलावा रूपेश ने किसी और व्यवसाय में रकम लगाई थी या नहीं। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने आशंका जताई है कि मामला व्यक्तिगत रंजिश का हो सकता है जबकि व्यवसायिक लेन-देन का भी पता लगाया जा रहा है । जांच में यह बात सामने आई है कि रूपेश नौकरी के अलावा व्यवसाय से भी जुड़े थे। उनके रहन-सहन का तरीका अच्छा था। उनकी सैलरी ठीक-ठाक की जबकि वह ठेकेदारी करके भी अच्छा कमा लेते थे । सूत्र बताते हैं कि पुलिस टीम यह पता लगा रही है कि रूपेश किस व्यवसाय से जुड़े थे। कहीं ऐसा तो नहीं कि रूपेश के साथ किसी का व्यावसायिक झगड़ा था। पैसों की लेन-देन को लेकर होने वाले विवाद का पता भी एसआईटी लगा रही है।