प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार (28 फरवरी) को ‘मन की बात’ कार्यक्रम (Mann Ki Baat) के 74वें एपिसोड के जरिए बताया कि तमिल भाषा नहीं सीख पाना उनकी एक कमी है। देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल (Tamil) नहीं सीख पाने का उन्हें अफसोस है।
तमिल नहीं सीख पाना मेरी एक कमी: पीएम
मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘कुछ दिन पहले हैदराबाद की अपर्णा रेड्डी जी ने मुझसे ऐसा ही एक सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि आप इतने साल से पीएम हैं, इतने साल सीएम रहे, क्या आपको कभी लगता है कि कुछ कमी रह गई। अपर्णा जी का सवाल बहुत सहज है, लेकिन उतना ही मुश्किल भी।’ पीएम मोदी ने कहा कि तमिल एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है लेकिन उसे नहीं सीख पाने का उन्हें मलाल है। ‘मैंने इस सवाल पर विचार किया और खुद से कहा मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल (Tamil) सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया। यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है।’
तमिलनाडू में विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी की इस टिप्पणी को राजनीतिक दृष्टि से देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने चुनाव से पहले तमिल भाषा पर अपने इन विचारों को रखकर तमिल वोटरों को साधने का प्रयास किया है। बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले दिनों तमिलनाडु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी मिलकर पूरे देश में एक ही विचारधारा लागू करना चाहती है।
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में संस्कृत की दो ऑडियो क्लिप भी सुनाए जिसमें एक टूरिस्ट संस्कृत में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के बारे में दर्शकों को बता रह है। दूसरे ऑडियो में एक शख्स संस्कृत में क्रिकेट की कमेंट्री कर रहा है। इस क्लिप को सुनाकर पीएम ने कहा कि क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों की कमेंट्री भी शुरू होनी चाहिए। पीएम मोदी ने स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री से क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को प्रोत्साहित करने की भी अपील की। पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें भारतीय खेलों में क्षेत्रीय भाषाओं में कॉमेंट्री को बढ़ावा देना चाहिए। मैं स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री और निजी संस्थानों से इस बारे में विचार करने की अपील करता हूं।’