Kanwar Yatra 2021: कांवड यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से लिए गये फैसले के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अब कांवड़ यात्रा पर केंद्र सरकार का बड़ा बयान सामने आया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि कोरोना के खतरे को देखते हुए राज्य सरकारों को हरिद्वार से गंगा जल लाने के लिए कांवड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं देनी चाहिए। हलफनामा में यह भी कहा गया कि धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकारों को टैंकरों के माध्यम से ‘गंगा जल’ उपलब्ध कराने के लिए सिस्टम पर काम करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कांवड़ यात्रा को अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार को अपने फैसले से कोर्ट को अवगत कराने को कहा, नहीं तो कोर्ट आदेश जारी कर देगा। सुनवाई के दौरान जस्टिस आर एफ नारिमन ने कहा कि कोविड-19 ने हर किसी को प्रभावित किया है। हम सब भारत के नागरिक हैं। कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक को जीवन का अधिकार है। ऐसे में यूपी सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, अन्यथा अदालत इस मामले में जरूरी आदेश जारी करेगा।
इस मामले पर अगली सुनवाई सोमवार को होनी है। यूपी सरकार के वकील ने कहा कि सरकार से निर्देश लेने के बाद वह सोमवार को अदालत को जवाब देंगे।
क्या कहा यूपी सरकार ने
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कांवड़ यात्रा को लेकर दाखिल इलफनामे में वकील सीएस वैधनाथन ने कहा कि कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य होगा। सीमित लोगों को ही कांवड़ यात्रा में जाने की अनमतित दी जाएगी जिससे कांवड़ यात्रा सांकेतिक तौर पर आयोजित होगी। कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन होगा।