स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
12 मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्या है International Nurses Day का इतिहास, इसके लिए 12 मई का ही दिन क्यों चुना गया औऱ किस उद्देश्य से ये दिन मनाया जाता है। आईये बताते हैं आपको इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें।
नर्सों के अथक प्रयासों और योगदान का शुक्रिया अदा करने के लिए विश्व भर में 12 मई को मनाया जाता है International Nurses Day, लेकिन 12 मई ही क्यों, तो वो इसलिए क्योंकि 12 मई को होता है नर्सिंग की शुरुआत करने वाली फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल का जन्मदिन, जिन्हें आधुनिक नर्सिंग के संस्थापक दार्शनिक के रूप में जाना जाता है. उन्हें The Lady with the Lamp के नाम से भी जाना जाता है, वे एक ब्रिटिश नर्स, सांख्यिकीविद और समाज सुधारक थीं, जो आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक दार्शनिक थीं और उन्ही के जन्मदिन को विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन को मनाने का प्रस्ताव पहली बार अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी डोरोथी सदरलैंड ने रखा था। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डी.डी. आइजनहावर ने नर्स दिवस मनाने को मान्यता दी और पहली बार साल 1953 में नर्स दिवस मनाया गया। हां अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने पहली बार नर्स दिवस मनाया साल 1965 में, औऱ फिर फ्लोरेंस नाइटइंगेल के जन्मदिवस यानि 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का फैसला साल 1974 में लिया गया जब जनवरी 1974 में, इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स (ICN) ने घोषणा की कि 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाएगा और इस तरह विश्वभर में International Nurses Day मनाने की शुरुआत हुई।
अब बात करते हैं कि इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने के क्या उद्देश्य हैं तो स्वास्थ्य सेवाओं में Nurses के योगदान को सम्मानित करने के लिए खासतौर पर इस दिन को मनाया जाताहै। इसके अलावा रोगियों के कल्याण के लिए Nurses को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए,
Nurses से संबंधित विभिन्न मुद्दों के बारे में चर्चा करने के लिए और Nurses की मेहनत और समर्पण की सराहना करने के लिए ICN यानि इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स हर साल इस महत्वपूर्ण दिन को दुनियाभर में एक स्पेशल थीम के साथ मनाता है। इस साल की थीम है
Nurses: A Voice to Lead- A Vision for future healthcare.
इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर Nurses की अपने कार्य के प्रति निष्ठा को सम्मानित किया जाता है, नर्सों के सराहनीय कार्य और साहस के लिए ही भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार की शुरुआत की, इस पुरस्कार में 50
हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है। हर साल International Nurses Day के मौके पर ऐसी नर्सों को राष्ट्रपति द्वारा इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपने पेशे में सराहनीय कार्य किया हो।
इस बात को अनदेखा नहीं किया जा सकता कि नर्सिंग दुनिया में सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल पेशा है। चिकित्सा संस्थानों में एक अहम व जरूरी दर्जा रखने वाली नर्स, रोगियों को स्वस्थ करने में अहम योगदान देती हैं और मौजूदा समय में कोरोना महामारी के इस दौर में नर्स जितनी कर्मठता से अपने काम को कर रही हैं, और कोरोना महामारी से इस लड़ाई में कोरोना योद्धाओं की भूमिका में तत्पर खड़ी हैं, वो वाकई सम्मान की हकदार हैं।