1- देश में एक बार फिर तेजी से फैल रही कोरोना महामारी खबरों की मुख्य खबर है, तो आज की अधिकतर खबरें इसी से जुड़ी हैं, आपको बता दें कि भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर चल रही है और वैज्ञानिकों का दावा है कि 15 अप्रैल तक देश में ये महामारी अपने चरम पर होगी जबकि मई के आखिरी तक संक्रमण के मामलो में कमी दिखाई दे सकती है। IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने अनुमान सूत्र नाम के एक गणितियी मॉडल के आधार पर लगाया है, इसी के आधार पर कोरोना की पहली लहर के दौरान अनुमान लगाया गया था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना संक्रमण के मामले अगस्त में बढ़ेंगे और सितंबर तक चरम पर होंगे फिर फरवरी 2021 में कम हो जाएंगे। वैज्ञानिकों की इस टीम में शामिल मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि मामलों में बढ़ोत्तरी जितनी तेजी से होगी, गिरावट भी इतनी ही तेजी से दर्ज की जाएगी। अभी देश में सबसे ज्यादा कोविड संक्रमण महाराष्ट्र में फैल रहा है लेकिन वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोरोना की दूसरी लहर में पहला राज्य पंजाब होगा जहां अगले कुछ दिनों में कोरोना का कहर चरम पर होगा।
2- दिल्ली सहित देश के 8-9 राज्यों में बढ़ रहे कोरोना के नए मामलों के बाद भी दिल्ली में लॉडाउन नहीं लगाया जाएगा। ये कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का। शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल ने इस बात को माना कि राजधानी में कोरोना की चौथी लहर चल रही है, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि कोरोना की चौथी लहर उतनी खतरनाक नहीं है जितनी पिछली थीं, इसलिए राजधानी में इस वक्त लॉकडाउन की दरकार नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि संक्रमितों की बढ़ती गिनती पर नियंत्रण के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है, ये पहले जैसी गंभीर स्थिति नहीं है। उन्होंने अक्टूबर के महीने के बारे में बताते हुए कहा कि उस वक्त ICU में मरीजों की गिनती 1700 के करीब थी, आज 800 हैं, अब मरीजों को ICU की जरूरत कम ही पड़ रही है, उस वक्त रोजाना 4 हजार मामले हर रोज आ रहे थे और रोजाना 40 मौंते हो रही थीं, लेकिन आज मौतें 7-8 हैं। जो कि पहले से काफी कम हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति की समीक्षा कर, यदि जरूरत पड़ी तो बातचीत के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और टीकाकरण के योग्य लोगों से टीका लगवाने की अपील की।
3- देश में बढ़ रहे नए कोविड केसों में सबसे ज्यादा खराब स्थिति में है महाराष्ट्र, जहां हालात करबी- करीब बेकाबू हो चुके हैं। इसी को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार रात को राज्य की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यदि लोगों की लापरवाही यूं ही चलती रही तो सरकार के पाल लॉकडाउन के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा। स्वास्थ्य सेवाओं की नजर से राज्य इस स्थिति से निपटने में कितना सक्षम है, इस पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में दो लाख 20 हजार आइसोलेशन बेड हैं, जिनमें से 62 फीसदी आइसोलेशन वार्ड और 48 फीसदी आईसीयू बेड भरे हुए हैं, ऐसे में अगर मरीजों की गिनती इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो दो सप्ताह में बेड कम पड़ने लगेंगे, ऐसी स्थिति में राज्य में लॉकडाउन लगाना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा- ‘लॉकडाउन कोई हल नहीं है, लेकिन वैक्सीनेशन के बावजूद संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मैं आज लॉकडाउन नहीं लगा रहा हूं लेकिन इसकी ओर इशारा कर रहा हूं। अगर अगले दो-तीन दिन में स्थिति नहीं सुधरी तो कठोर कदम उठाने पड़ेंगे।’ आपको बता दें कि देश में चल रहे टीकाकरण अभियान में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है जहां रोजाना 3 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार की कोशिश इसे रोजाना 5 लख तक पहुंचाने की है।
4- राजस्थान में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवकता राकेश टिकैत पर हुए हमले के बाद दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसान उग्र हो गए और बॉर्डर को जाम कर दिया, जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गुस्साए किसानों ने नोएडा-चिल्ला बॉर्डर पर जाम लगाया तो ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा। कुंडली बॉर्ड पर बैठे किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर केएमपी एक्सप्रेस वे को भी जाम किया। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आंदोलनकारियों को शांत कराया और खुद राकेश टिकैत ने भी संदेश जारी कर आंदोलनकारी किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की। आपको बता दें कि कल, शुक्रवार को राकेश टिकैत जक एक किसान पंचायत के लिए जा रहे थे तब राजस्थान के अलवर में उनकी गाडीं पर हमला किया गया। पत्थर फेंके गए, जिसमें उनकी गाडी के शीशे भी टूट गए। हालांकि राकेश टिकैत को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन जब इसकी जानकारी विभिन्न जगहों पर आंदोलन कर रहे किसानों को मिली तो आंक्रोश में आए किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराया और सरकार पर आंदोलन को कुचलने का आरोप भी लगाया।
5- सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने वाली किसी भी खबर पर विश्वास से पहले उसकी सत्यता जरूर जानें। बीते तीन-चार रोज से खबर खबरों में खूब छाई है, जिसमें बताया जा रहा था कि बिहार के एक किसान ने ऐसी सब्जी की खेती की है जिसकी बाजार में कीमत 80 हजार से 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक है। बताया जा रहा था कि बिहार औरंगाबाद दिले के एक किसान अमरेश सिंह ने विश्व की सबसे महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती की है, अमरेश का दावा था कि उसने ट्रायर के तौर पर हॉप शूट्स की खेती की है, लेकिन बीमारी के कारण फसल की देखरेख नहीं हो सकी और फसल सूख गई, लेकिन 60 फीसदी तक इसकी खेती सफल रही है, इसलिए अब वो फिर से हॉप शूट्सकी खेती करेंगे। इस इस खबर के न्यूजपेपर और सोशल मीडिया में फैलने के बाद जब कृषि अधिकारी अमरेश के खेत पहुंचे तो उन्हें वहां ऐसी कोई फसल नहीं मिली। एक खेत क्या, बल्कि पूरे औरंगाबाद में इस सब्जी की खेती कहीं नहीं होती। फिलहाल सोशल मीडिया पर इस खबर के साथ जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं वो न तो हॉप शूट्स की हैं, ना ही 1 लाख रुपये किलो बिकने वाली किसी सब्जी की बल्कि वो तस्वीर मेंथी की खेती की है।