1- पहले चरण के मतदान के बाद पश्चिम बंगाल में 1 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान से पहले बीजेपी और टीएमसी तैयारियों में जुटी हुई हैं। दूसरे चरण के मतदान की हॉटसीट है नंदीग्राम, जहां से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और बीजेपी की ओर से शुभेंदु अधिकारी कमान संभाल रहे हैं। दोनों ही पार्टियां इस सीट पर फतह के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं, इसीलिए दूसरे चरण के मतदान से पहले एक तरफ जहां शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम में रैली कर ममता पर निशाना साधा और उन्हें उन पर मुस्लिमों का तुष्टीकरण करने का आरोप लगाया। तो वहीं ममता ने भी जुबानी जंग में उनपर पलटवार किया। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि “बेगम” ममता बनर्जी तुष्टीकरण करते-करते बंगाल को “मिनी पाकिस्तान” बना देंगी। दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने सोमवार को अपने चुनावी क्षेत्र नंदीग्राम में पैर में चोट की वजह से व्हील चेयर पर 8 किलोमीटर लंबा रोड शो किया और टक्कर में खड़े अपने पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी पर जमकर बरसीं। ममता बनर्जी ने इस दौरान रैली को संबोधित करते हुए कहा “जो संस्कृति को प्यार नहीं कर सकते, वे यहां राजनीति नहीं कर सकते हैं। नंदीग्राम गुंडागर्दी देख रही है। हमने बुरुलिया में मीटिंग की, टीएमसी ऑफिस को तोड़ दिया गया। शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “वो जो चाहता है कर रहा है। मैं भी खेल खेल सकती हूं। मैं भी शेर की तरह जवाब दूंगी। मैं रॉयल बंगाल टाइगर हूं”। ममता बनर्जी ने कहा कि वे चूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने तक नंदीग्राम में ही रहेंगी और दूसरे चरण का चुनाव खत्म होने के बाद ही जाएगीं। टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा एक लड़की औऱ उसकी मां को पीटे जाने वाले आरोप पर बोलते हुए ममता ने शाह पर निशाना साधते हुए कहा “मुझे नहीं पता कि बहन की मौत कैसे हुई है। हम महिलाओं के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं। अमित शाह ट्वीट कर कहते हैं, “बंगाल का क्या हाल है”। यूपी में क्या है हालत? हाथरस में क्या है हालत?
2- सीआईडी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को इंडियन पासपोर्ट दिए जाने से देश के लिए खतरा हो सकता है इसलिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने पुलिस की वेरिफिकेशन रिपोर्ट निगेटिव मिलने के बाद महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट आवेदन को खारिज कर दिया है और पत्र लिखकर इसकी सूचना भी उन्हें दे दी गई है। जिसमें बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर के आपराधिक जांच विभाग यानि सीआईडी ने महबूबा मुफ्ती को पासपोर्ट जारी करने के खिलाफ रिपोर्ट दी है, इशलिए उनका आवेदन रद्द कर दिया गया है। पासपोर्ट ऑफिस ने कहा है कि महबूबा इस फैसले के खिलाफ विदेश मंत्रालय की ओर से निर्धारित उच्च स्तरीय फोरम पर इसके लिए अपील कर सकती हैं। वहीं दूसरी तरफ आवेदन खारिज होने की जानकारी मिलने के बाद महबूबा ने इस पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा “पासपोर्ट ऑफिस ने मुझे पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया है। उनके मुताबिक, सीआईडी ने अपनी वेरिफिकेशन रिपोर्ट में मुझे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। अगस्त 2019 के बाद हमने ये सामान्य हालात हासिल किए हैं जिनमें एक पूर्व मुख्यमंत्री को इसलिए पासपोर्ट देने से
इनकार किया जा रहा है क्योंकि वह देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।”
3- देश के 8 राज्यों, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, मध्यप्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में कोविड 19 के नए मामले सबसे ज्यादा हैं, जिनमें अकेले महाराष्ट्र में 60 फीसदी से ज्यादा केस आ रहे हैं। देश में एक बार फिर तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए आदेश दिया है कि राज्य में आज से 15 दिनों के लिए प्रदर्शनों, रैलियों और पार्टियों पर रोक रहेगी। आपको बता दें कि देश के जिन आठ राज्यों में कोविड मरीजों की गिनती में इजाफा हो रहा है उनमें महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक दूसरे नंबर पर है, इसी को देखते हुए सरकार ने राज्य में लॉकडाउन लगाने की बजाय इन गतिविधयों को बैन किया है ताकि जनता भी परेशान न हो। कर्नाटक सरकार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “हम स्कूल-कॉलेजों को बंद नहीं कर रहे हैं। हमने स्कूलों को लेकर सुझाव मांगे हैं, जब 15 दिन के बाद परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी, तब समीक्षा की जाएगी। आज से अगले 15 दिनों तक राज्य में कोई भी रैलियों और प्रदर्शनों का आयोजन नहीं कर सकेगा। अपार्टमेंट में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए पार्टियों या फिर सेलिब्रेशन पर भी आज से रोक लगा दी गई है। लॉकडाउन नही है लेकिन जो लोग मास्क नहीं पहनेंगे, उनके खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा”।
4- महाराष्ट्र में हर दिन बढ़ रहे कोविड मरीजों की गिनती से राज्य में स्थिति काफी गंभीर होती जा रही है, कल रविवार को भी अकेले महाराष्ट्र में 40 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। जिसे देखते हुए कोविड टास्क फोर्स की सिफारिश के बाद, उद्धव सरकार एक बार फिर राज्य में सख्त लॉकडाउन की तैयारी में है लेकिन इसे लेकर सराकर के बीच ही मतभेद की स्थिति नजर आ रही है। रविवार को सीएम उद्धव ठाकरे जब सख्त लॉकडाउन की बात कही तो सरकार का सहयोगी दल एनसीपी उद्धव के विचार से असहमत नजर आया। महाराष्ट्र में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने लॉकडाउन के मामले में उद्धव ठाकरे से एक दम अलग राय देते हुए कहा है कि हम दोबारा लॉकडाउन को स्वीकार नहीं कर सकते हैं इसलिए हमने मुख्यमंत्री से अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से प्रशासन से लॉकडाउन की तैयारी करने की बात कही गई है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि लॉकडाउन लगाना ही एक विकल्प है। अगर लोग नियमों का पालन करते हैं तो फिर इससे बचा भी जा सकता है। ऐसे में यदि लॉकडाउन को लेकर विरोधाभास बना रहता है तो बिना लॉकडाउन राज्य में कोरोना को कैसे काबू किया जाएगा? ये सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
5- अक्सर फाल्गुन की फुहार यानि होली के दिन इतनी गर्मी नहीं होती कि पसीने छूटने लगें, लेकिन इस साल होली के दिन की गर्मी ने 76 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। रंग भरी होली के दिन इस साल देश की राजधानी दिल्ली में लोगों ने तपिश भरी गर्मी महसूस की है और तापमान रहा 40.5 डिग्री सेल्सियस। जो बीते 76 साल में सबसे ज्यादा था। इससे पहले साल 1945 में होली के दिन यानि 31 मार्च को इतनी गर्मी पड़ी थी। मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कल, 29 मार्च के तापमान ने बीते 76 साल के रिकॉर्ड को तोड़ा है, मौसम विभाग के मुताबिक 31 मार्च, 1945 के बाद से ये मार्च में सबसे गर्म दिन था, जब राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।