1- कोरोना महामारी के चलते होली इस बार भी हुड़दंगियों को भारी पड़ सकती है, क्योंकि देश के कई राज्यों में तेजी से पैर पसार रही महामारी को देखते हुए इस बार होली का त्योहार हुड़दंग की तरह मनाने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है।
यदि आप सालभर घर में बैठे बोर हो गए हैं और होली पर हुल्लड़ मचाने के मूड में हैं तो ध्यान रखे कि होली मनाना आपको भारी पड़ सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर होली समेत
आने वाले त्योहारों में भीड़ को रोकने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद दिल्ली, हरियाणा, यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब जैसे राज्यों ने त्योहार पर सख्त गाइडलाइन्स जारी की हैं। यूपी में घर से बाहर निकलने पर बंदिश नहीं है लेकिन भीड़ जुटाने और होली मिलन समारोहों पर रोक लगाई गई है, मास्क सैनेटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है। इसी तरह दिल्ली और हरियाणा में भी होली समेत आ रहे त्योहारों पर पब्लिक प्रोग्राम बैन किए गए हैं। भीड़ इकट्ठ कर होली मनाई तो आपको भारी पड़ सकता है। बिहार में भी होली पर सार्वजनिक कार्यक्रम बैन किए गए हैं। महाराष्ट्र में पाबंदियां काफी सख्त हैं इसलिए यहां होली पल्बिल प्लेस पर सेलिब्रेट करने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है, वैसे स्थिति को देखते हुए राज्य में जल्द लॉकडाउन लगने की आशंका है। इसी तरह पंजाब और गुजरात में भी होली हुल्लड़ बैन किए गए हैं। तो होली मनाने के लिए घर से निकलने से पहले अपने स्टेट की त्यौहार को लेकर सख्तियों पर एख नजर जरूर डालें और कोरोना से बचाव के लिए बेहतर कि घर में रहकर परिवार के साथ ही होली मनाएं।
2- महाराष्ट्र में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी को काबू करने के लिए कोविड 19 टास्ट फोर्स ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से राज्य में लॉकडाउन की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसपर सहमति जताते हुए अधिकारियों को लॉकडाउन की प्लानिंग इस तरह से करने को कहा है, जिससे कि इकोनॉमी पर कम से कम प्रभाव हो। महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मामलों पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को स्वास्थ्य मंत्री व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और इस बैठक के बाद उन्होंने राज्य में बीते साल जैसा सख्त लॉकडाउन लगाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर लोग कोविड गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रहे, तो लॉकडाउन का रोडमैप तैयार किया जाए। साथ ही उन्होंने मामलों में बढोत्तरी से ज्यादा मौतें होने की भी आशंका भी जताई और ये भी कहा कि बढ़ते मामलों के कारण स्वास्थ सुविधाएं कम पड़ने लगी है। ऐसे में दोबारा लॉकडाउन लगाना ही बेहतर रहेगा। आपको बता दें कि अकेले महाराष्ट्र में शनिवार को
जहां 35 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए थे, वहीं रिवार को राज्य में 40 हजार से ज्यादा नए केस मिले हैं और सख्ती नहीं बरते जाने पर इस संख्या में इजाफे की आशंका है।
3- कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग लिए 4 महीने से प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसन मोर्चा ने रविवार को होलिका दहन के वक्त तीनों कृषि कानूनों की कॉपियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया। आंदोलन कर रहे किसानों ने इस अलग
अंदाज में होलिका दहन करके ये भी साफ किया कि उनका आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक कि केन्द्र के लाए तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते। इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से न्यूनतम
समर्थन मूल्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को खत्म करने की तमाम कोशिशें की हैं और बीते कुछ सालों में एफसीआई का बजट भी घटा है वहीं हाल ही में, एफसीआई ने फसलों की खरीद के नियमों में भी बदलाव किया है। इसी दिशा में जागरुकता फैलाते हुए किसानों द्वारा 5 अप्रैल को एफसीआई बचाओ दिवस मनाया जाएगा। इन दिन किसान सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक देशभर में भारतीय खाद्य निगम के कार्यालयों का घेराव करेंगे।
4- दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि 27 मार्च को हुई इन राज्यों में पहले चरण के बंपर मतदान से काफी अच्छे संकेत
मिल रहे हैं। दोनों राज्यों में जनता के उत्साह को देखते हुए दावा किया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा 200 से ज्यादा सीटों पर फतह पाएगी। अमित शाह ने इस दौरान कहा कि “बूथ लेवल कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं से चर्चा के बाद मैं कह सकता हूं कि पश्चिम बंगाल में पहले चरण की 30 सीटों में से हम 26 से ज्यादा सीटें जीतेंगे। हमें स्पष्ट संकेत मिले हैं कि असम में बीजेपी 47 में से 37 सीटों पर जीत रही है”। गृहमंत्री के इस बयान पर इस पर चुटकी लेते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से लगे चंडीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक चुनाव रैली में बिना नाम लिए कहा, “एक नेता ने आज कहा कि बीजेपी पहले चरण की 30 में से 26 सीटों पर जीत हासिल करेगी। क्या आप EVM में घुस गए थे? सभी 30 सीटों पर दावा क्यों नहीं कर दिया? क्या उन्होंने बाकी सीटें कांग्रेस और माकपा के लिए छोड़ दी है?”
5- एंटिलिया केस में एनआईए को बड़ी कामियाबी हाथ लगी है। इस केस में गिरफ्तार हुए एपीआई सचिन वझे को रविवार को जब पुलिस मीठी नदी लेकर गई तो वझे के कई राज, गोताखोरों द्वार मीठी नदी से निकाले गए। एनआईए को मीठी नदी से दो नंबर प्लेट, एक कंप्यूटर सीपीयू, हार्ड डिस्क और जीवीआर आदि बरामद हुए हैं। सूत्रों की मानें तो सचिन वझे ने केस से जुड़े सबूत मिटाने के लिए ये सभी चीजें मीठी नदी में फेंकी थी। बताया जा रहा है कि मीठी नदी से
बरमद हुई नंबर प्लेट उसकी स्कॉर्पयो और इनोवा की हैं जो एंटिलिया केस में इस्तेमाल की गई थीं। वहीं डीवीआर को साकेत कॉम्पलेक्स का बताया जा रहा है, जहां सचिन वझे का घर है। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान कुछ अहम
सबूत सामने आने के बाद सचिन वझे ने बताया कि कुछ सबूत मुंबई की मीठी नदी में फेंके गए थे, जिसके बाद एनआईए ने गोताखोरों की मदद से ये तमाम चीजें बरामद कीं।