1- यूपी सरकार के आदेश के बाद गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को धरना स्थल से हटाने पहुंची पुलिस को घंटों की मशक्कत के बाद आधी रात खाली हाथ वापस होना पड़ा। एक तरफ जहां गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुईं हिंसा के आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने 35 से ज्यादा किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस जारी किया है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की कोशिशें भी दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर होती दिखाई दीं लेकिन 2 महीने से डटे किसानों को पुलिस का अल्टीमेटम मिलने के बाद भी कोई टस से मस नहीं हुआ, और पुलिस व फोर्स को बैरंग ही वापस लौटना पड़ा। किसान नेता राकेश टिकैत ने मोर्चा संभाला और भावुक होते हुए कहा कि आत्महत्या कर लुंगा लेकिन जबतक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे, आंदोलन खत्म नहीं करुंगा। टिकैत के आंसुओं से आंदोलन का माहौल ऐसा बदला कि खत्म होने की कगार पर आ खड़ा हुआ गाजीपुर प्रदर्शन अब और मजबूत होता दिखाई दे रहा है। राकेश टिकैत को रोता देख उनके भाई नरेश टिकैत ने यूपी के किसानों से आह्वाहन किया कि सुबह होने से पहले धरना स्थल पर पहुंचे, जिसके बाद देर रात ही पश्चिमी यूपी के कई हिस्सों से हजारों की संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर के लिए निकल पड़े, और जहां धरना खत्म होने के आसार थे वहां प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या में इजाफा होता नजर आया। इस वाकये के बाद आंदोलन की दिशा और मजबूत होती दिखाई दे रही है।
2- आज यानि 29 जनवरी से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो रही है, दो हिस्सों में होने वाले बजट सत्र का पहला हिस्सा 29 जनवरी से 15 फरवरी तक और दूसरा हिस्सा 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। आज शुरु हो रहे बजट सत्र की शुरुआत हंगामेदार होगी ये भी तय माना जा रहा है क्योंकि विपक्षी दलों ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए कमर कस ली है। इस बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ होगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जानकारी देते हुए कहा है कि कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों के नेता कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में एकजुट होकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे। 16 विपक्षी दलों ने एक साझा बयान जारी कर कहा है कि वे सरकार द्व रा किसानों के प्रति अपनाए गए रवैये से दुखी व नाराज है इसलिए राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध करेंगे। इस बात के भी पूरे पूरे आसार हैं कि सत्र के दौरान कृषि कानूनों के अलावा लद्दाख गतिरोध, अर्थव्यवस्था की स्थिति और महंगाई के मुद्दों पर भी विपक्ष सरकार को घेर सकता है।
3- भारत में एक फरवरी से वो तमाम गतिविधियां बहाल हो जाएंगी जिनपर कोरोनाकाल में रोक लगाई गई थी, लेकिन भारत से विदेश जाने वाली उड़ानों को शुरु होने में अभी एक और महीने इंतजार करना पड़ेगा। भारत से विदेश जाने वाली उड़ानों को शुरू होने में अभी एक माह का वक्त और लगेगा। नागर विमानन क्षेत्र नियामक (Directorate General of Civil Aviation) DGCA ने ये फैसला लेते हुए कहा है कि इंटरनेशनल पेसेंजर फ्लाइट्स का सस्पेंशन 28 फरवरी तक के लिए ऐक्सटेंड किया गया है। डीजीसीए ने कहा है कि सलेक्टिड रूट्स पर खास आधार पर अंतरराष्ट्रीय शिड्यूल्ड उड़ानों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा इजाजत दी जा सकती है। भारत की शिड्यूल्ड इंटरनेशनल पैसेंजर फ्लाइट्स कोरोना वायरस पेंडमिक के चलते 23 मार्च के बाद से ही निलंबित है, लेकिन वंदे भारत मिशन के अंतर्गत मई से स्पेशल इंटरनेशनल फ्लाइट्स ऑपरेट हो रही हैं। इनके अलावा कुछ चुनिंदा देशकों के साथ जुलाई से दो पक्षीय एयर बबल समझौते के तहत भी फ्लाइट्स ऑपरेट हो रही हैं।
4- वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की दावोस डायलॉग में ग्लोबल इंडस्ट्री लीडर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर भी भारत की तस्रीव बदलेगी। उन्होंने देश की विकास यात्रा में शामिल होने के लिए उद्योग जगत को आमंत्रित करते हुए कहा कि मैं आपको प्रोडक्शन लिंक स्कीम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता हूं. ये 26 बिलियन डॉलर की स्कीम है. प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की वजह से 520 बिलियन डॉलर का प्रोडक्ट बेस तैयार होने जा रहा है”। कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “कोरोना के शुरुआत दिनों में कहा गया कि भारत में कोरोना संक्रमण की सुनामी आएगी। लेकिन भारत ने निराशा को हावी नहीं होने दिया। जिस देश में विश्व की 18 प्रतिशत आबादी रहती है। उस देश ने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण करके, पूरी दुनिया को, मानवता को बड़ी त्रासदी से भी बचाया है। कोरोना शुरू होने के समय हम मास्क और पीपीई किट विदेशों से मंगवाते थे लेकिन आज भारत इनकी आपूर्ति कर रहा है। आज भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है। भारत आज न सिर्फ अपनी घरेलू जरूरतें पूरी कर रहा है बल्कि इन्हें अन्य देशों में भेजकर वहां के नागरिकों की सेवा भी कर रहा है। उन्होंने कहा, “भारत के आत्मनिर्भरता की आकांक्षा, वैश्वीकरण को नए सिरे से मजबूत करेगी।” उन्होंने उम्मीद जताई कि इंडस्ट्री 4.0 से भी आत्मनिर्भर अभियान को बहुत बड़ी मदद मिलेगी।
5- कोरोना महामारी के दौरान तबलीगी जमात को लेकर की गई मीडिया रिपोर्टिंग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 28 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केन्द्र को फटकार लगाई। कुछ न्यूज चैनल्स ने कोरोना काल में तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज की घटना से संबंधित फर्जी खबरें चलाईं, जिसकी वजह से देश की सेक्युलर इमेज को काफी नुकसान पहुंचा। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा कि ऐसे टीवी कार्यक्रम जो लोगों को उकसाते हैं उन पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है जो कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अहतियाती कदम है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए बवाल के बाद इंटरनेट सेवा बंद किए जाने के सरकार के कदम पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निष्पक्ष और ईमानदार रिपोर्टिंग से समस्या नहीं है, समस्या तब होती है जब टीवी प्रोग्राम्स में उकसाने वाली बातें होती हैं, इससे दंगे भड़क सकते हैं, जिंदगी और संपत्ति को नुकसान हो सकता है, ऐसे में अहतियाती कदम के दौरा पर कुछ न्यूज पर कंट्रोल जरूरी है, और आपको कानून व्यवस्था की स्थिति देखनी है, हमें नहीं पता आपने आंखें बंद क्यों कर रखी हैं।