1- हरियाणा सरकार ने राज्य के युवाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है, रोजगार के अवसर-आसार। जी हां, राज्य सरकार एक कानून लाई है जिसके तहत राज्य की प्राइवेट सेक्टर की 75 फीसदी नौकरियां राज्य के युवाओं के लिए रिजर्व होंगी, राज्य द्वारा लाया गया ये कानून अगले 10 साल तक लागू रहेगा। आपको बता दें कि इसे लेकर राज्य की विधानसभा में नवंबर में विधेयक पारित हुआ था और आखिरकार 4 महीने बाद राज्यपाल ने इसे मंगलवार को स्वीकृति दे दी है। हरियाणा में छोटी बड़ी कई इंडस्ट्रियल यूनिट्स हैं जिनमें गाड़ियों, ट्रेक्टरों बाइकों और साइकिल्स के स्पेयर पार्ट बनते हैं। राज्य की सबसे बड़ी इंडस्ट्रियल सिटी गुरुग्राम है जहां कई बड़ी कंपनियों के हेड ऑफिसिज हैं, इसी को देखते हुए इस कानून को लागू किया गया है, ताकि बेरोजगारी पर काबू पाया जा सके। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा स्टेट एम्प्लॉयमेंट ऑफ लोकल कैंडिडेट बिल 2020 को मंजूरी मिलने के बाद राज्य में प्राइवेट सेक्टर में होने वाली नई भर्तियों में राज्य के युवा इसका लाभ ले सकेंगे, प्राइवेट कंपनी, सोसायटी, पार्टनरशिप फर्म और ट्र्स्ट आदि प्राइवेट सेक्टर्स की तीन चौथाई नौकरियों पर रिजर्वेशन का फायदा राज्य के युवाओं को मिल सकेगा, लेकिन ये कानून सिर्फ 50 हजार रुपये तक की सैलरी वाली जॉब्स के लिए ही लागू होगा।
2- कोरोना वैक्सीन प्रोग्राम को रफ्तार देने के लिए एक अहम फैसला लेते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार रात को सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स को कोविड वैक्सीन लगाने की परमिशन दे दी है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि प्राइवेट हॉस्पिटल मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए निर्देशों का पालन करते हुए वैक्सीन लगाएं। ऐसे सभी प्राइवेट हॉस्पिटल्स कोरोना टीकाकरण सेंटर के रूप में काम कर सकेंगे जिनके पास वैक्सीन लगाने के लिए पर्याप्त स्टाफ, कोल्ड चेन और वैक्सीनेशन कराने वाले लोगों के लिए ऑब्जर्वेशन फैसिलिटी हो औऱ यदि कोई व्यक्ति वैक्सीनेशन के बाद साइड इफैक्ट्स महसूस करे तो इलाज की भी व्यवस्था हो। स्वास्थ्य मंत्रालय ने केन्द्र व राज्य सरकारों से कहा है कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना और राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना, इनके पैनल में शामिल और निर्धारित मानदंडों का पालन करने वाले सभी अस्पतालों में टीकाकरण कराया जाए।
3- पहले फिशरी मिनिस्ट्री और फिर अपने उत्तर-दक्षिण वाले विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी फिर से अपने एक बयान को लेकर खबरों में छाए हैं, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की एक पुरानी गलती को तो स्वीकारा ही साथ ही मौजूदा सरकार पर भी निशाना साधा। कल, मंगलवार को अमेरिका की कार्नेल यूनिवर्सिटी के एक वर्चुअल डिस्कशन के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि इंदिरा गांधी के शासनकाल में इमरजेंसी का फैसला सही नहीं था लेकिन उस वक्त में और आज के दौर में काफी अंतर है। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी केप्रोफेसर और अर्थशास्त्री कौशिक बसु से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने ये माना कि उस वक्त आपातकाल लगाना गलत था लेकिन तब जो हुआ और आज देश में जो हो रहा है, उसमें बहुत अंतर है। राहुल गांधी ने कहा कि कांगेस ने कभी भारत से संवैधानिक ढांचे से कोई छेड़छाड़ नहीं की, हमारी पार्टी जिस तरह से बनी है उसमें इसकी इजाजत नहीं है। मौजूदा सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है, मीडिया से लेकर कोर्ट तक, सभी को निशाना बनाया जा रहा है। संसद में डिबेट के दौरान हमें बोलने नहीं दिया जाता, माइक स्विच ऑफ कर दिए जाते हैं। ये लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है।
4- उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक महाकुंभ के आयोजन की अनुमति पर मुहर लगाई लेकिन कई सख्त निर्देशों के साथ। जिनके बाद हर किसी का हरिद्वार महाकुंभ में पहुंच पाना इस वर्ष संभव नहीं हो सकेगा। केन्द्र सरकार की इच्छा व उम्मीद के अनुरूप जहां हरिद्वार महाकुंभ की अवधि को कम करके सिर्फ 30 दिन किया गया है तो वहीं इस बार टेंट कॉलोनी भी नहीं बनाई जा रही। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में हरिद्वार महाकुंभ को लेकर ये फैसला लिया गया है कि मेले में भीड़ न बढ़े इसका ध्यान रखते हुए कोई नई ट्रेन या स्पेशल ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी इस दौरान शुरु नहीं की जाएगी। रेलवे बोर्ट और आसपास के सभी राज्यों को इस विषय की जानकारी देते हुए पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा गया है कि इस दौरान इन राज्यों से कोई स्पेशल ट्रेन या स्पेशल बसें हरिद्वार के लिए शुरु न की जाएं। साथ ही मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से भी ये गुजारिश की गई है कि वे कुंभ में आने से पहले हेल्थ चेकअप कराएं और अपनी फिटनेस रिपोर्ट जरूर साथ लेकर आएं।
5- इसी महीने की 27 तारीख से देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की शुरुआत होने जा रही है, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी कड़ी मेहनत-मशक्कत कर रही है तो वहीं कृषि कानूनों का विरोध कर रहा संयुक्त किसान मोर्चा, सरकार से अपनी मांगें मनवाने की हर संभव कोशिश में जुटा है। पांचों राज्यों में चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद अब संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि वो इन पांचों ही राज्यों में जाकर लोगों से अपील करेंगे कि वो चुनावों में बीजेपी को वोट न दें। किसान नेता बलबीर राजेवाल ने मोर्चा द्वारा शुरु की जाने वाली इस मुहिम की घोषणा करते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा किसी पार्टी का समर्थन नहीं करेगा लेकिन चुनावी राज्यों में अपने समूह भेजकर लोगों को मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के बारे में बताएंगे और उनसे बीजेपी को वोट न देने की अपील भी करेंगे। वहीं योगेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण किए जाने के विरोध में 15 मार्च को देशभर के मजदूर और कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे और रेलवे स्टेशन्स के बाहर धरने देंगे। आपको बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली
की सीमाओं पर लगातार आंदोलन कर रहे किसानों के इस आंदोलन को 6 मार्च को 100 दिन पूरे हो रहे हैं लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं।