1- कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों ने अपनी अन्य मांगों के लिए सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा के पांच नेताओं से एक समिति बनाई, इस समिति ने कल, मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा कि बची हुई मांगों पर किसानों को सरकार की तरफ से लिखित प्रस्ताव मिला है, जिसमें एमएसपी, मुआवजा, केस वापसी, पराली बिल और बिजली बिल पर बात की गई है। आपको बता दें कि सरकार ने किसानों के सामने जो प्रस्ताव रखा है उसमें कहा गया है कि एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक शामिल होंगे। मुकदमों की वापसी के लिए सरकार ने पहले आंदोलन वापसी की शर्त रखी है, मुआवजे पर कहा है कि पंजाब सरकार पहले ही केस वापसी और मुआवजे की घोषणा कर चुकी हैऔर हरियाणा व यूपी सरकार ने भी मुआवजा देने पर सहमति दे दी है वहीं पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है और बिजली बिल पर सरकार ने कहा है कि इसे संसद में पेश करने से पहले स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लिए जाएंगे। किसान मोर्चा द्वारा गठित कमेटी ने इस पर अपने जवाब में कहा है कि एमएसपी पर बनने वाली कमेटी के लिए किसान प्रतिनिधियों के रूप में सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को ही जोड़ा जाए। वहीं आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने के लिए सरकार पहले आंदोलन खत्म करने की शर्त को वापस ले और पहले किसानों पर दर्ज मुकदमे हटाए जाएं, साथ ही जिन किसानों ने आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई है उनके परिजनों को सरकार द्वारा मुआवजा व नौकरी भी दी जाए। अगर इन मुद्दों पर सरकार की सहमति बनती है तो किसानों की घर वापसी हो सकती है, सरकार की ओर से जवाब आने पर आज दोपहर बाद संयुक्त किसान मोर्चा इस पर फिर से बैठक करेगा।
2- नोटबंदी का दौर भला कौन भूल सकता है, जब मोदी सरकार ने रातों रात 500 और 1000 के नोटों को बंद कर उनकी जगह 2000 के नोट चलाए थे। सरकार के मुताबिक इस नोटबंदी का मकसद था कालेधन पर पाबंदी लेकिन आलोचकों का कहना है कि 2000 के नोटों ने कालेधन को बढ़ावा दिया है, जिसे सरकार सिरे से नकारती आ रही है। खैर, फिलहाल 2000 के नोट जो इस वक्त चलन में हैं, सरकार ने उनकी संख्या संसद में बताई है, वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले साढ़े तीन सालों में बाजार में चलन में मौजूद दो हजार रुपये के नोटों की संख्या में 34 फीसदी की कमी आई है। इस साल नवंबर में बाजार प्रचलन वाले 2,000 रुपये के नोटों की तादाद 223.3 करोड़ नोट यानी कुल नोटों का महज 1.75 फीसदी रह गई है जो मार्च 2018 में 336.3 करोड़ थी। उन्होंने ये भी कहा कि 2018-19 से नोट के लिए करेंसी प्रिंटिंग प्रेस के पास कोई नया मांग पत्र नहीं रखा गया है, नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2,000 रुपये के नोट के चलन में कमी इसलिए आई है क्योंकि वर्ष 2018-19 से इन नोटों की छपाई के लिए कोई नई मांग नहीं की गई है। नोट भी खराब हो जाते हैं क्योंकि वे गंदे और कटे-फटे हो जाते हैं। तो सवाल ये कि कटे-फटे नोटों की जानकारी सरकार को है या नहीं, क्योंकि नोटों की संख्या में 34 फीसदी की कमी कोई आम गिरावट नहीं है।
3- कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले भारत में भी आने लगे हैं, जो चिंता बढ़ा रहे हैं, क्योंकि विशेषज्ञों ने आशंका जाहिर की है कि ये वैरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर ला सकता है, हालांकि अभी भी ओमिक्रॉन पर रिसर्च पूरी नहीं हुई है, लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर पूरी तरह सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया तो ओमिक्रॉन से भारत में तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में आम आदमी खासकर गरीब तबके को एक बार फिर ये चिंता सता रही है कि महामारी के प्रकोप में इलाज के लिए उसे भटकना न पड़े। इसी समस्या से राहत देते हुए AB PM-JAY के तहत एक नया नियम जोड़ा गया है। जी हां, अब कोरोना और डेंगू जैसी महामारी का इलाज भी आयुष्मान भारत योजना के तहत हो सकेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने कल मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इन महामारियों के इलाज को भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत रखा गया है।
4- अब चांद को छूएंगे भारतीय मूल के अनिल मेनन, क्योंकि NASA ने मून मिशन के लिए जिन 10 ट्रेनी एस्ट्रोनॉट्स को चुना है जिनमे 6 पुरुष और 4 महिलाएं हैं और उनमें अनिल मेनन का नाम भी शामिल है, 45 साल के अनिल NASA की क्लास 2021 का हिस्सा बनेंगे। अनिल का सलेक्शन इसलिए भी खास है क्योंकि मून मिशन के लिए 12 हजार लोगों के आवेदन आए थे, जिनमें से ट्रेनिंग के लिए सिर्फ 10 को चुना गया है। जो अगले साल जनवरी में टेक्सास के जॉनसन स्पेस सेंटर पर रिपोर्ट करेंगे और 2 साल ट्रेनिंग लेंगे जिसके पूरा होने पर नासा की आर्टेमिस जेनरेशन प्रोग्राम का हिस्सा बनेंगे। बता दें कि इससे पहले अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाले एस्ट्रोनॉट्स में भारतवंश से दो नाम जुड़े हैं जिनमें राकेश शर्मा पहले भारतीय बने, जिन्होंने 3 अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष की उड़ान भरी जबकि 19 नवंबर 1997 को अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाली कल्पना चावला भारतीय मूल की पहली महिला एस्ट्रोनॉट थीं, इनके अलावा सुनीता विलियम्स और राजा चारी अंतरिक्ष में गए हैं, लेकिन अभी तक किसी भारतीय ने चांद पर कदम नहीं रखा है, इस मुकाम को पाने में अनिल मेनन की सफलता भारत के नाम को चांद तक पहुंचाएगी क्योंकि अनिल ऐसा करने वाले पहले भारतवंशी होंगे। बता दें कि NASA 50 साल बाद चांद पर इंसान भेजने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और 2025 में पहली महिला और एक पुरुष को चांद की सतह पर भेजने की प्लानिंग कर रही है।
5- संसद से बंक मारने वाले सांसदों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आड़े हाथों लिया। कल, मंगलवार को भाजपा की पार्लियामेंट्री पार्टी मीटिंग में सदन से गायब रहने वाले सांसदों को कड़ी नसीहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप खुद को बदलिए नहीं तो हम बदलाव करेंगे। प्रधानमंत्री ने कड़े शब्दों में सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा कि अनुशासन में रहें, समय से आएं और अपनी बारी होने पर ही बोलें। बच्चों की तरफ बर्ताव न करें, ये मेरे लिए अच्छा नहीं है कि मैं आपको बच्चों की तरह ट्रीट करूं। PM मोदी ने सांसदों को सूर्य नमस्कार करने की सलाह देते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार करें और संसद में अटेंडेंस की प्रतियोगिता में भाग लें। इससे आप सभी स्वस्थ रहेंगे।