आज शनिवार है, तारीख 20 नवंबर; मार्ग शीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि
1- कल, शुक्रवार को दिनभर सुर्खियों में बस एक ही मुद्दा छाया रहा कि केन्द्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों वापस ले लिया, कल पीएम ने देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की, और जैसे ही पीएम द्वारा ये घोषणा की गई, सरकार के फैसले के समर्थन और विरोध में आवाजें और प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरु हुईं। पीएम द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद किसानों ने भी ये साफ किया कि वो एमएसपी पर कानून न बनाए जाने तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा, और बिलजी संशोधन बिल वापस होगा। अब आंदोलन की आगे की रणनीति के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की 9 सदस्यीय कमेटी आज सिंघु बॉर्डर पर बैठक करेगी। वैसे 7 साल में ये दूसरी बार हुआ है कि सरकार बैकफुट पर आई है कृषि कानूनों से पहले, पहली दफा 2014 में सरकार बनने के कुछ वक्त बाद ही बीजेपी भूमि ग्रहण अध्यादेश लाई थी लेकिन अध्यादेश के खिलाफ उठी विरोधी आवाजों से थककर केन्द्र को बैकफुट पर आना पड़ा था। फिलहाल कृषि कानूनों की सरकार द्वारा वापसी के कदम को राजनीतिक फायदे के लिए उठाया गया कदम ज्यादा माना जा रहा है, जाहिर सी बाद है 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में गोवा मणिपुर और उत्तराखंड से अलग पंजाब और उत्तर प्रदेश दो ऐसे राज्य हैं जहां बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने की कोशिशों में जुट गई है, और कृषि कानूनों की वापसी भी उसी दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
2- कल कृषि कानूनों की वापसी सुर्खियों में रही और विपक्ष ने सरकार के इस फैसले पर भी खिंचाई का कोई मौका नहीं छोड़ा, पीएम के संबोधन के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, जीत उनकी भी है जो लौट के घर न आए हार उनकी ही है जो अन्नदाताओं की जान बचा ना पाए… वहीं दूसरी तरफ सपा के मुखिया व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसपर प्रतिक्रिया दी कि सपा की रैली में भीड़ देख डरी सरकार ने कृषि कानून वापस लिए हैं। बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने लिखा कि थूक कर चाटना इसी को कहते हैं, अहंकार की हार इसी को कहते हैं। लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया कि विश्व के सबसे लंबे, शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा को गुरुपर्व का तोहफा बताया, उन्होंने ट्वीट किया, गुरु नानक जयंती के अवसर पर हर पंजाबी की मांगों को मानने और कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार किसानी के विकास के लिए काम करती रहेगी। दूसरी तरफ कैप्टन के ट्वीट पर निशाना साधते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि इसका श्रेय संयुक्त किसान मोर्चा को जाता है कोई और इसका श्रेय लेने की कोशिश न करे। वैसे कानूनो की वापसी की घोषणा के बाद कंगना काफी दुखी हैं, उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, दुखद, शर्मनाक, बिल्कुल अनुचित। अगर संसद में चुनी हुई सरकार की जगह सड़कों पर लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया… तो ये भी एक जिहादी राष्ट्र है। उन सभी को बधाई जो इसे इस तरह चाहते थे।
3- आज शनिवार 20 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 79 साल के हो गए हैं, बाइडेन राष्ट्रपति पद संभालने वाले अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं, लेकिन अपने जन्मदिन से ठीक एक दिन पहे उन्होंने अपनी राष्ट्रपति पद की सभी शक्तियां कल उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को दे दी, ये खबर खास है इसलिए क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच हाल ही में तनाव की खबरें आई थीं, लेकिन अब जो बाइडेन ने अपनी सभी प्रेसिडेंशियल पावर उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को दी हैं, वजह है कॉलोनोस्कोपी, दरअसल जो बाइडेन हर साल कॉलोनोस्कोपी करवाते हैं, इस साल भी जब उन्होंने 1 घंटे 25 मिनट के लिए नियमित कॉलोनोस्कोपी लिए एनिस्थिसिया लिया तो उससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति पद की सभी पावर्स कल शुक्रवार को कमला हैरिस को दीं, जिसके बाद अमेरिका की सत्ता कछ समय के लिए उपराष्ट्रपकि कमला हैरिस के हाथों में रहेगी। हालांकि अमेरिका में ये एक रुटीन प्रोसेस है कि राष्ट्रपति के ऐसे मेडिकल प्रॉसिजर से गुजरने पर, जहां उन्हें एनेस्थीसिया दिया जाता है, उपराष्ट्रपति को प्रेसिडेंशियल पावर सौंप दी जाती हैं, लेकिन ये पहली बार है जब किसी महिला को प्रेसिडेंशियल पावर दी गई हैं, लेकिन इस दौरान वेस्ट विंग स्थित अपने ऑफिस से ही काम करेंगी।
4- पंजाब के बाद अब राजस्थान की सियासत में एक बार फिर बड़ी उथलपुथल मची है, वजह है इस्तीफे का दौर, दरअसल गहलोत सरकार के तीन मंत्रियों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपना पद छोड़ने की पेशकश की है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, तीनों ही मंत्री दो-दो पदों का कार्यभार संभाल रहे हैं गोविंद सिंह जहां शिक्षा मंत्री के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं, तो वहीं रघु शर्मा स्वास्थ्य मंत्री के साथ गुजरात कांग्रेस के प्रभारी भी हैं जबकि हरीश चौधरी राजस्व मंत्री के साथ साथ पंजाब का प्रभार संभाले हुए हैं। ऐसे में एक व्यक्ति एक पद वाले फार्मूले के तहत इन तीनों ने इस्तीफे दिए हैं। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने इस इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि इन तीनों ही मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश कर, कांग्रेस संगठन में काम करने की इच्छा जताई है। वैसे खबरों में ये बात काफी वक्त से सुनाई दे रही है कि कांग्रेस आलाकमान 2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजस्थान सरकार में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। ऐसे में इन मंत्रियों द्वारा इस्तीफा दिए जाने की इस खबर के बाद ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत जल्द ही अपनी कैबिनेट का विस्तार करेंगे क्योंकि 3 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में 12 मंत्रियों की ताजपोश का रास्ता साफ हो गया है।
5- हाल ही में नेल्लोर कॉरपोरेशन चुनाव में हार का सामना करने वाले TDP नेता केप्पेरा श्रीनिवासुलू ने अपने आधे बाल और मूंछ मुंडवा लिये हैं और कहा है कि वो तब तक अपनी आधी मूंछे और बाल मुंडवाते रहेंगे जब तक कि चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री नहीं बन जाते। हाथ में एक स्लेट पकड़े केप्पेरा जनता से अपील करते नजर आए कि मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी को सीएम पद से बेदखल कर चंद्रबाबू नायडू को सीएम बनाएं। दरअसल केप्पेरा ने ये ऐलान ऐसे वक्त में किया है जब तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को घोषणा की कि वो सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ वाईएसआरसीपी सदस्यों द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में मौजूदा कार्यकाल के बचे हुए समय में विधानसभा में प्रवेश नहीं करेंगे। विधानसभा से बाहर निकलने से पहले भावुक हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि, मैं फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सदन में लौटूंगा।
6- राजस्थान के जालौर में आधी रात के बाद करीब ढाई बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। झटके इतने तेज थे कि नींद में भी लोगों ने महसूस किए औऱ लोग घरों से बाहर निकल आए, हालांकि फिलहाल इसमें किसी तरह के जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, हां, देर रात 2 बजकर 26 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता 4.6 और इसका केन्द्र राजस्थान के जोधपुर में बताया जा रहा है।