आज सोमवार है, तारीख 16 अगस्त 2021; श्रावण मास, शुक्ल पक्ष और अष्टमी तिथि
1- महज 100 दिन में अफगानिस्तान में तालिबान ने तख्तापलट कर दिया, और एक बार फिर अफगान पर हुकूमत करने में कामियाबी हासिल की। एक-एक कर अफगानिस्तान के सभी प्रांत पर काबिज हुए तालिबान ने राजधानी काबुल को भी कब्जे में ले लिया और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा कर लिया, जिसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर ताजिकिस्तान पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि 20 साल बाद एक बार फिर अफगानिस्तान की सत्ता अब पूरी तरह तालिबान के हाथों में आ गई है। तालिबान ने इससे पहले साल 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान की सत्ता पर राज किया है। तब उनके नेता मीडिया से दूरी बनाकर रखते थे। लेकिन अब तालिबान के प्रवक्ता नेताओं का पैगाम अफगानिस्तान और पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं और दुनिया को तालिबान के शासन का नया मॉडल बता रहे हैं। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर अपने कब्जे की घोषणा राष्ट्रपति भवन से करने और देश को फिर से इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान का नाम देने की उम्मीद है। वहीं ब्रिटेन का कहना है कि तालिबान सत्ता को अफगान सरकार के रूप में मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। वहीं अफगानिस्तान में तालिबान का राज तय होने के बाद कई देशों ने अपने लोगों को वहां से निकालना शुरू कर दिया है। कई अफगानी नागरिक भी अपना वतन छोड़कर भाग रहे हैं। इससे काबुल एयरपोर्ट पर भारी जाम लग गया। काबुल में फंसे भारतीयों को भी एयर इंडिया के विमान से सुरक्षित निकाला गया। यह फ्लाइट 129 यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंची।
2- स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश की बेटियों के लिए एक घोषणा की कि देश की बेटियां किसी भी सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन कर सकेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज मैं एक खुशी देशवासियों से साझा कर रहा हूं। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं। उन्होंने कहा दो-ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया गया था। अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा। ये देश के लिए गौरव की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड्स के नतीजे हों या ओलपिंक का मेडल, हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं। बता दें कि देश में अभी 33 सैनिक स्कूल चलाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ में ही लड़कियों का दाखिला होता था। इस घोषणा के साथ अपने संबोधन में पीएम ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा इसे गरीबी के खिलाफ लड़ाई का साधन और 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली शिक्षा नीति बताया। उन्होनें कहा जब गरीब की बेटी, गरीब का बेटा मातृभाषा में पढ़कर प्रोफेशनल्स बनेंगे तो उनके सामर्थ्य के साथ न्याय होगा।
3- अपने बयानों के चलते सुर्खियों में छाए रहने वाले सपा सांसद एसटी हसन कल अपनी एक भूल के चलते सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हुए, और इसके बहाने निशाने पर आई समाजवादी पार्टी। कल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन स्वतंत्रता दिवस के एक कार्यक्रम के लिए गलशहीद थाने के गलशहीद पार्क पहुंचे, जहां लोगों को संबोधित कर उन्होंने राष्ट्रीर ध्वज फहराया और ध्वजारोहण के बाद जब राष्ट्रगान शुरु हुआ तो उनके साथ खड़े लोग राष्ट्रगान ही भूल गए, इतना ही नहीं सांसद महोदय खुद भी राष्ट्रगान पूरा नहीं गा सके, और जय हे जय हे के साथ राष्ट्रगान अधूरा राष्ट्रगान पूरा कर दिया। इस घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया आया तो इतना वायरल हुआ कि सांसद महोदय के साथ साथ सपा ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई।
4- धीरे धीरे कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सभी जगह जरूरी होता जा रहा है, ये अब एक ऑफिशियल डॉक्यूमेंट हैं जो वैक्सीनेशन कराने के बाद आपके पास होना जरूरी है। ताकि आपको यात्रा के दौरान या ऑफिस ज्वाइन करने के वक्त सहूलियत रहे। कई बार देखा जाता है कि इस तरह के सर्टिफिकेट्स में कोई छोटी गलती निकल आती है, यदि आपको कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुके हैं और वैक्सीन लगने के बाद मिले सर्टिफिकेट में कोई गलती है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं, क्योंकि सर्टिफिकेट की उस गलती को आप आसानी से ऑनलाइन ही ठीक कर सकते हैं। cowin वेबसाइट पर आप अपने सर्टिफिकेट की गलतियों को सेल्फ करेक्ट कर सकते हैं लेकिन करेक्शन में आप नाम, जन्म तिथि, जेंडर, आधार कार्ड नंबर/पैन कार्ड/पासपोर्ट नंबर में से सिर्फ दो चीजों में ही करेक्शन कर सकते हैं।
5- भारत ने कोविड-19 के टीकों की उपलब्धता और लोगों तक पहुंच बनाने के मामले में दुनिया के दूसरे देशों से बेहतर प्रदर्शन किया है, ये कहना है भारत बायोटेक के CMD कृष्णा इल्ला का। टाइम्स नाउ इंडिया ऐट 75: द फ्रीडम समिट में, व्यापक स्तर पर देश में चलाए जा रहे वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मुझे ये कहते हुए गर्व हो रहा है कि भारत ने बहुत अच्छा काम किया है। निश्चित अवधि में 1.3 अरब लोगों को टीका देने का काम काफी चुनौतीपूर्ण है। अमेरिका के पास भारत से ज्यादा वैक्सीन हैं, लेकिन वहां सिर्फ 16 करोड़ लोगों को ही टीका लगाया जा सका है। वहीं भारत ने लोगों तक वैक्सीन उपलब्धता और पहुंच के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है जो दुनिया के किसी भी देश से बेहतर है। कल प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वतंत्रा दिवस के अपने संबोधन में इस विषय पर खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चलाने पर गर्व है। देश में 54 करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है।
6- स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रविवार को त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस की दो सांसदों डोला सेन और अपरूपा पोद्दार पर हमले की खबर सामने आई। हमले का आरोप टीएमसी ने बीजेपी पर लगाया है। वहीं दूसरी तरफ टीएमसी ने ऐलान किया है कि पश्चिम बंगाल समेत भारत के दूसरे राज्यों में 16 अगस्त को ‘खेला होबे दिवस’ मनाया जाएगा। पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सत्ता में आई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव में जीत के कुछ दिनों बाद ऐलान किया था कि टीएमसी ‘खेला होबे दिवस’ मनाएगी। तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि 16 अगस्त को ‘खेला होबे दिवस’ मनाया जाएगा। पश्चिम बंगाल के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, त्रिपुरा समेत देश के दूसरे राज्यों में 16 अगस्त को ‘खेला होबे दिवस’ मनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
7- भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) एनवी रमना (NV Ramana) ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में संसद के कामकाज की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि संसद में कार्यवाही के दौरान उचित बहस या चर्चा नहीं होती है। चिंता व्यक्त करते हुए रमना ने मौजूदा संसद की तुलना पहले के समय की संसद से की और कहा कि पहले संसद के दोनों सदनों में कई वकीलों हुआ करते थे जिससे हर बिल पर बहस होती थी। मगर अब संसद के बनाए कानूनों में खुलापन नहीं रहा। उन्होंने कहा, संसद के कानूनों में स्पष्टता नहीं रही। हम नहीं जानते कि कानून किस मकसद से बनाए गए हैं। यह जनता के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने वकीलों से अपील किया कि वो अपने कामकाज के अलावा सार्वजनिक सेवा के अपना समय दें।