1- कल सोमवार 21 जून से 18+ वालों के लिए पूरे देश में वैक्सीन मुफ्त कर दी गई है। सोमवार से शुरु हुए इस मुफ्त टीकाकरण अभियान में पहले ही दिन रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हुआ है। इससे पहले 5 अप्रैल को 43 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी। कल एक ही दिन में 85 लाख से ज्यादा लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है और सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन करने वाला राज्य बना है मध्य प्रदेश जहां 16 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रिकॉर्ड वैक्सीनेशन को लेकर खुशी जाहिर करते हुए कहा, देश में आज की रिकॉर्ड तोड़ वैक्सीनेशन की गिनती खुश करने वाली है, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में वैक्सीन ही हमारा सबसे मजबूत हथियार है, टीका लगाने वाले सभी लोगों के साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी बधाई जिनके मेहनत की वजह से ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन संभव हो सका है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश में अब तक 28.33 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें 23.27 करोड़ से ज्यादा को पहला और 5.05 करोड़ को दूसरा डोज लग चुका है।
2- कोरोना महामारी के मद्देनजर इस साल भी अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई है। सोमवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना को देखते हुए इस साल अमरनाथ यात्रा रद्द करने का फैसला लिया गया है हालांकि श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के ऑनलाइन दर्शन हो सकेंगे। आपको बता दें कि कोरोना की पहली लहर का असर खत्म होने पर श्राइन बोर्ड ने इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त तक की तारीख तय की थीं और एक अप्रैल से यात्रा के लए एडवांस रजिस्ट्रेशन भी शुरु हो गए थे लेकिन फिर संक्रमण की दूसरी लहर से मचे कहर को देखते हुए एक बार फिर बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए की जाने वाली ये यात्रा इस साल भी रद्द कर दी गई है।
3- कोरोना वैक्सीन को लेकर फैली अफवाहों के बीच एक और अफवाह जुड़ी है कि वैक्सीन लगवाने वालों को बांझपन का खतरा है। सोमवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर साफ कहा कि वैक्सीन लगवाने से पुरुषों और महिलाओं में बांझपन का खतरा होगा, ऐसा कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने वेबसाइट पर पूछे गए सवालों के जवाब में भी साफ किया कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम में इस्तेमाल किए जा रहे किसी भी टीके से प्रजनन क्षमता प्रभावित नहीं होती क्योंकि सभी टीकों के दुष्प्रभाव जानने के लिए इंसान से पहले जानवरों पर इनका ट्रायल किया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन को लेकर तमाम तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं इनमें ये भी एक भ्रम है कि वैक्सीन महिलाओं और पुरुषों में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। विशेषज्ञों के राष्ट्रीय समूह ने स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी कोविड वैक्सीन लगाने की सिफारिश की है, साथ ही ये भी कहा है कि वैक्सीनेशन से पहले या बाद में स्तनपान को रोकने की भी जरूरत नहीं है।
4- कोरोना संक्रमण से बचाव का कारगर उपाय है वैक्सीनेशन, ऐसे में बच्चों के लिए वैक्सीन लाने की तैयारियों जोरों पर हैं, जिसके तहत अब गुरुवार से एम्स में 2 से 6 साल के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। इससे पहले 12 से 18 साल और 6 से 12 साल के बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो चुका है। इन बच्चों को कोवैक्सीन की डोज दी गई हैं, जिन बच्चों को वैक्सीन दी गई हैं, डॉक्टर्स की टीम उनकी लगातार निगरानी कर रही है, वैक्सीन की डोज ले चुके बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं, जिसके बाद अब 2 से 6 साल के बच्चों पर भी गुरुवार से वैक्सीन ट्रायल होने जा रहा है।
5- सोमवार को दिल्ली में साल के सबसे कम मामले सामने आए, ये साल में पहली बार है जब दिल्ली में 100 से कम नए संक्रमित मिले हैं। 24 घंटे में कल यहा सिर्फ 89 नए मामले मिले और इस दौरान 11 मरीजों की मौत हुई। इससे पहले 16 फरवरी दिल्ली में 94 मामले दर्ज किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट घटकर 0.16 फीसदी रह गया है। दिल्ली में पिछले साल 30 अप्रैल को 76 मामले दर्ज किए गए थे। इस लिहाज से यहां कोरोना के केस एक साल पहले की स्थिति पर आ गए हैं। दिल्ली में नए संक्रमितों की घटती गिनती के साथ ही यहां पाबंदियां भी धीरे धीरे खत्म होती जा रही है। सोमवार से दिल्ली में 50 फीसदी कैपेसिटी के साथ
बार और रेस्टोरेंट खोल दिए गए हैं। जो सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक और बार दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे। इसके अलावा कल से पार्कों को खोलने की भी मंजूरी दे दी गई है। धार्मिक स्थल खोले गए हैं, लेकिन अभी श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत नहीं है।
6- पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज में हुई हिंसा की शिकायतों की जांच के लिए, नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अरुण मिश्रा ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर 7 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी राज्य में अभी तक हुई हिंसाओं और आगे मिलने वाली शिकायतों की जांच करेगी और हिंसाओं के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाएगी। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही सियासी हिंसा शुरू हो गई थी। जिनमें कई जगह भाजपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं, महिलाओं से गैंगरेप के भी आरोप लगे और हिंसा में कई लोगों की मौत भी हुई। इन हिंसाओं को लेकर भाजपा ने दावा किया था कि TMC के कार्यकर्ता ही बीजेपी के लोगों को निशाना बना रहे हैं।