1- देश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 1 लाख 33 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, इसी दौरान 3 हजार 204 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हुई है। अच्छी बात ये है कि दूसरी लहर के दौरान लगातार पॉजिटिव केस घट रहे हैं और रिकवर हो रहे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कल 24 घंटे में 2 लाख 31 हजार से ज्यादा लोगों ने रिकवर किया। देश में अब एक्टिव केस 18 लाख के करीब रह गए हैं। राज्यवार बात करें तो महाराष्ट्र में कल 24 घंटे में 14 हजार 123 नए मामलों की पुष्टि हुई और इस दौरान 854 लोगों की मौत हुई वहीं रिकवर करने वालों की संख्या 35 हजार के पार रही। वहीं राजधानी दिल्ली में कल 626 नए मामले सामने आए और 62 लोगों की मौत हुई जबकि 1400 से ज्यादा लोग ठीक भी हुए। उत्तर प्रदेश में 1200 से ज्यादा नए संक्रमित मिले और 179 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा तमिलनाडु में कल नए संक्रमितों की संख्या 26 हजार 500 से ज्यादा रही और 490 लोगों की जान गई। आन्ध प्रदेश में 11 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए और 104 लोगों की मौत हुई। वहीं पश्चिम बंगाल में 9 हजार 424 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई और 137 लोगों की मौत हुई।
2- 10वी के बोर्ड एग्जाम के बाद अब सरकार ने 12वीं के बोर्ड एग्जाम भी रद्द कर दिए हैं। 12वीं की परीक्षाओं पर फैसले को लेकर मंगलावर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की गई जिसमें CBSE के चेयरमैन, शिक्षा मंत्रालय के सेक्रेटरी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, राजनाथ सिंह और प्रकाश जावड़ेकर शामिल हुए। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक हॉस्पिटल में एडमिट होने की वजह से इसमें नहीं जुड़ पाए। परीक्षाओं पर हुई इस अहम मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये फैसला लिया है कि परीक्षा से ज्यादा सुरक्षा जरूरी है, इसलिए 12वीं की परीक्षाएं रद्द की गई है। बैठक में पीएम ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इस पर समझौता नहीं किया जा सकता। ऐसे माहौल में परीक्षा कराकर हम उनकी जान खतरे में नहीं डाल सकते। सरकार द्वारा 12वीं की परीक्षाओं पर लिए गए इस फैसले के बाद ISC यानि इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट ने भी 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। आपको बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कुछ वक्त पहले ही 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी और पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर छात्रों का आंकलन करने की बात कही थी। वहीं बीते सप्ताह 3 हजार छात्रों ने भी चीफ जस्टिस एनवी रमना को चिट्ठी लिखकर 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने की गुजारिश की थी।
3- 12वीं की परीक्षाएं रद्द तो कर दी गई हैं लेकिन रिजल्ट किस आधार पर तय होगा ये अभी नहीं बताया गया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन की 12वीं की परीक्षाएं रद्द किए जाने के बाद अब कशमकश ये है कि छात्रों का रिजल्ट किस आधार पर तय किया जाएगा। तो आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिक 9वीं, 10वीं और 11वीं तीनों कक्षाओं का इंटरनल असेसमेंट कर, इसके बेसिज पर ही 12वीं का रिजल्ट तैयार होगा और यदि इस रिजल्ट से कोई छात्र संतुष्ट नहीं होता तो कोरोना की स्थिति सुधरने पर छात्र को परीक्षा का मौका भी दिया जाएगा। हालांकि इस पर अभी कुछ साफ कहा नहीं गया है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इंटरनल असेसमेंट में 2 महीने तक का समय लग सकता है ऐसे में अगस्त से पहले 12वीं के नतीजे आना मुश्किल है। ऐसे में कॉलेज एडमिशन का प्रोसेस अक्टूबर-नववंबर तक जा सकता है।
4 देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर धीरे धीरे फीकी पड़ती नजर आ रही है, लेकिन इस बीच चिंता सता रही है तीसरी लहर के अंदेशे और उसके भयावह रूप की, क्योंकि तीसरी लहर को बच्चों लिए घातक बताया जा रहा है, इन आशंकाओं के बीच बच्चों के स्वास्थ्य के मद्देनजर तीसरी लहर से बचाव के लिए तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। इस विषय पर बात करते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बच्चों में कोविड संक्रमण गंभीर नहीं होता, लेकिन यदि वायरस अपना व्यवहार बदल ले तो इंफेक्शन बढ़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी शुरु कर दी हैं, इसके लिए विशेषज्ञों का एक समूह बनाया गया है और डेटा व अनुभव को देखते हुए दिशानिर्देश बनाए जा रहे हैं।
5- वैश्विक महामारी कोरोना के चलते दुनियाभर में लोगों ने स्वास्थ्य संकट झेलने के साथ साथ लाखों जानें भी गंवाई हैं इतना ही नहीं देश में आर्थिक नजरिए से भी हर किसी की कमर टूट गई हैं। खासकर नौकरीपेशा लोगों पर कोरोना की दूसरी लहर का काफी बुरा असर हुआ है। देश में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान दो-चार लाख नहीं बल्कि एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है और 97 फीसदी से ज्यादा परिवारों की कमाई पर भी बुरा असर पड़ा है। अब जैसे जैसे लॉकडाउन खत्म होगा परिस्थितियां सामान्य होंगी लेकिन पूरी तरह सुधरना मुश्किल है। क्योंकि जिनकी नौकरियां गई हैं उन्हें दोबारा रोजगार मिलने में मुश्किल होगी। इकोनॉमी खुलने से बेरोजगारी की समस्या थोड़ी-बहुत सुलझेगी जरूर लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं होगी।
6- बाल स्वराज पोर्टल पर देश में कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित और अनाथ हुए बच्चों की जानकारी राज्यों द्वारा साझा की गई है। जिसमें मार्च 2020 से मई 2021 तक जिन बच्चो नें अपनों को खोया है उनका ब्यौरा साझा किया गया है। महामारी में 8 से 13 साल के 3 हजार 700 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं वहीं 14 से 16 साल के 1600 से ज्यादा और 17 साल के 1700 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं। महामारी के चलते सबसे ज्यादा बच्चे मध्य प्रदेश में अनाथ हुए हैं और सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे उत्तर प्रदेश से हैं। मध्य प्रदेश में कोरोना के चलते 318 बच्चे अनाथ हुए हैं और 104 बच्चे बेसहारा हो गए हैं। यानि एमपी में 700 से ज्यादा बच्चों पर कोरोना का कहर टूटा है। वहीं यूपी में 2 हजार से ज्यादा बच्चों पर महामारी ने असर डाला है। जिन्में 270 बच्चों ने अपने पिता और मां दोनों को खोया है, जबकि 1830 बच्चों ने महामारी के चलते मां या पिता दोनों में से किसी एक को खो दिया है। इसके अलावा बिहार में 292 बच्चों ने अपने माता पिता दोनों खोए हैं, जबकि 1 हजार से ज्यादा बच्चों ने कोरोना के चलते माता या पिता दोनों में से किसी एक को खोया है। हरियाणा में भी 700 से ज्यादा बच्चों की खुशियों पर कोरोना ने ग्रहण लगाया है। वहीं हिमाचल में 4073 बच्चे कोरोना से प्रभावित हुए हैं। देशभर में कोरोना से प्रभावित अनाथ व प्रभावित हुए बच्चों को मदद पहुंचाने के लिए केन्द्र के अलावा राज्य सरकार द्वारा भी योजनाओं की शुरुआत की गई है।