1- कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों ने चिंता और बढ़ा दी है। राजस्थान और महाराष्ट्र समेत देश के 5 राज्य पहले ही इसे महामारी घोषित कर चुके हैं अब केन्द्र सरकार ने भी कल राज्यों को पत्र लिखकर ब्लैक फंगस को महामारी एक्ट के तहत नोटेबल डिजीज घोषित करने को कहा है। आपको बता दें कि राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु इस ब्लैक फंगस को पहले ही महामारी घोषित कर चुके हैं। दिल्ली में भी इसके मरीजों के इलाज के लिए अलग से सेंटर्स बनाए जा रहे हैं। ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के साथ ही इसके इलाज में इस्तेमाल हो रही दवाएं भी बाजार में कम पड़ने लगी हैं, जिसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र को निर्देश दिए हैं कि सिर्फ दवाओं के उत्पादन बढ़ाने के निर्देश से अलग राज्य को इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी केन्द्र द्वारा मुहैया कराई जाएं। आपको बता दें कि राजस्थान में अब तक 400 लोग ब्लैक फंगस का शिकार हो चुके हैं, वहीं गुजरात में इसके 1200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। दिल्ली और हरियाणा में भी 300-400 से ज्यादा मरीज इस बीमारी की चपेट में हैं।
2- ICMR यानि इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि कोरोनावायरस डायबिटीज भी दे सकती है, क्योंकि इससे शुगर बढ़ता है। यानि अगर कोई व्यक्ति कोविड पॉजिटिव होने से पहले डायबटीज का शिकार नहीं था तो कोरोना के इलाज के दौरान वह इसकी चपेट में आ सकता है। कोरोना संक्रमित के इलाज में रेमडेसिविर जैसे स्टेरॉयड्स की मदद ली जाती है। ये स्टेरॉयड्स कोरोना का वायरल लोड कम करने में मदद तो करते हैं लेकिन इसके फायदे कम और साइड इफेक्ट ज्यादा हैं, इन दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से कोरोना मरीजों में शुगर या डायबिटीज की समस्या हो जाती है। देश भर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के पीछे एक वजह यह भी हो सकती है। गुरुवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमडेसिविर को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाली दवाओं की लिस्ट से हटा दिया।
3- कोरोमा महामारी के बाद लगातार मिल रहे ब्लैक फंगस के मामलों ने जहां चिंता दोगुनी कर दी है तो वहीं अब व्हाइट फंगस की दस्तक से मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस इन्फैक्शन को मेडिकल लैंग्वेज में कैंडिडा कहते हैं ये फंगस फेफड़ों के साथ रक्त में घुसने की क्षमता रखता है। रक्त में पहुंचने पर इसे कैंडिडिमिया कहते हैं। ब्लैक फंगस के बाद बिहार के पटना में व्हाइट फंगस के भी चार मामले सामने आए हैं। कहा जा रहा है कि व्हाइट फंगस, ब्लैक फंगस से भी ज्यादा घातक है क्योंकि ये शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है, और अगर कोरोना पेशेन्ट्स में इसकी पुष्टि हुई, तो जान को खतरा बढ़ सकता है। ये फंगस स्किन, नाखून, मुंह के अंदरूनी भाग, आमाशय और आंत, किडनी, गुप्तांग और ब्रेन को भी संक्रमित करता है।
4- कोरोना महामारी से बचाव को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा कल नई गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, जिनमें कहा गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के एयरोसोल 10 मीटर की दूरी तक फैल सकते हैं, जबकि ड्रॉपलेट्स 2 मीटर तक जाते हैं। इसलिए इन्फेक्शन से बचाव के लिए जरूरी है कि डबल मास्क पहलें, पहले सर्जिकल मास्क और ऊपर से कॉटन का मास्क पहनें, यदि सर्जिकल मास्क न हो तो दोनों मास्क कॉटन के ही पहनें। इसके अलावा नई एडवाजरी में क्रॉस वेंटिलेशन पर ज्यादा जोर दिया गया है, दिशा निर्देशों में कहा गया है कि खिड़की दरवाजे बंद रखकर एसी चलाने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है, वहीं यदि वेंटिलेशन हो तो इन्फेक्शन का खतरा कम हो जाता है। प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन के मुताबिक, जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते, वे भी संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए लोग कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें।
5- कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच देश में रोजाना आ रहे संक्रमण के मामलों में गिरावट देखी जा रही है। पॉजिटिविटी रेट 13 फीसदी पर आ गया है, इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि संक्रमण के मामलों में लगातार 10 हफ्तों की बढ़ोतरी के बाद पिछले 2 हफ्ते में कमी दर्ज की गई है। बीते तीन हफ्तों में 6 राज्यों, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और छत्तीसगढ़ में मरीजों की संख्या कम हुई है। वहीं, 7 राज्यों तमिलनाडु, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम और मिजोरम में पॉजिटिव केस बढ़े हैं। वहीं संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए देश में वैक्सीनेशन के साथ साथ टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रेकिंग पर जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में अब तक 32 करोड़ 23 लाख 56 हजार 187 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। वहीं अब ICMR द्वारा घर में कोरोना का टेस्ट करने के लिए एक रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद लक्षण नजर आने पर या किसी संक्रमित व्यक्ति से मिलने पर यदि ऐसा आभास हो कि आप कोविड संक्रमित हो सकते हैं तो इस किट के माध्यम से घर पर ही टेस्ट करके 15 मिनट में रिजल्ट पा सकते हैं।इस टेस्टिंग किट की कीमत सिर्फ 250 रुपए रखी गई है।
6- कोरोना महामारी के बीच एक और बड़ी राहत देते हुए सरकार ने इनकम टैक्स भरने की आखिरी तारीख 2 महीने और बढ़ा दी है। जी हां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 31 जुलाई से 30 सितंबर 2021 कर दी है। पहले वहीं कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने बाकी टैक्स फाइल करने से संबंधित तारीखों को भी बढ़ाने का फैसला लिया है। CBDT ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 119 के तहत इसमें बदलाव करते हुए कंपनियों के लिए भी ITR भरने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर 2021 कर दी है।