1- देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच संक्रमण दर 13.31 फीसदी हो गई है लेकिन नए संक्रमण के मामलों में लगातार दो दिन की गिरावट के बाद एक बार फिर मामले बढ़े हैं कल 24 घंटे में देशभर में 2 लाख 76 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए जबकि इस दौरान 3 हजार 876 लोगों की मौत हुई। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में कल 34 हजार 31 नए संक्रमित मिले और 594 लोगों की मौत हुई। वहीं कर्नाटक में महाराष्ट्र से ज्यादा यानि 34 हजार 281 नए मामले सामने आए और 468 लोगों की जान गई। इसके अलावा केरल में 32 हजार 762 नए संक्रमित मिले और 112 लोगों की मौत हुई। आन्ध्र प्रदेश में 23 हजार 160 संक्रमितों की पुष्टि हुई और 106 लोगों ने जान गंवाई। पश्चिम बंगाल में नए संक्रमितों की संख्या 19 हजार के ऊपर रही और राज्य में 24 घंटे में 157 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 24 घंटे में 7 हजार 336 नए संक्रमित मिले और 288 लोगों की मौत हुई। पंजाब में 6 हजार 407 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई और 208 लोगों की संक्रमण के चलते जान गई। गुजरात में 5 हजार 246 लोग संक्रमित मिले और 71 लोगों की मौत हुई। आपको बता दें कि राज्यवार कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कार्यों का जायजा लेने के लिए पीएम लगातार वर्चुअल मीटिंग्स कर रहे हैं, आज भी प्रधानमंत्री
10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित 54 जिलों के जिलाधिकारियों से कोरोना नियंत्रण के उपायों पर चर्चा करेंगे। 18 मई को भी वे 10 राज्यों के प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से बात कर चुके हैं।
2- कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच, संक्रमण से ठीक हुए लोगों में मिल रहे ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। देश के अगल अलग राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की बाजार में कमी होने लगी है। राजस्थान में म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस के मामले इतने ज्यादा आ रहे हैं कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि राज्य में ब्लैक फंगस के अभी तक 100 से ज्यादा केस मिले हैं। राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को ब्लैक फंगस के बारे में अधिसूचना जारी की जिसमें राजस्थान महामारी अधिनियम-2020 की धारा-3 की सहपठित धारा-4 के तहत म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस को पूरे राज्य में महामारी घोषित किया गया है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अब तक ब्लैक फंगस के चलते 90 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं देश की राजधानी दिल्ली में भी 80 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, दिल्ली में ब्लैक फंगस के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल हो रही दवाओं की भी शॉर्टेज हो रही है।
3- कोविड वैक्सीन को लेकर लोगों में उधेड़बुन थी कि संक्रमण से ठीक हुए लोगों को वैक्सीनेशन कराना चाहिए या नहीं, और यदि कराएं तो कितने वक्त बाद कराएं, वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद संक्रमित हुए लोग क्या करें, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं वैक्सीन लें या न लें। ऐसी उलझनें इसलिए थीं क्योंकि ऐसा कहा जा रहा था कि कोविड संक्रमण से ठीक हुए लोग, शरीर में एंटीबॉडीज बनने के कारण 6 महीने तक संक्रमण से बचे रहते हैं। वैक्सीन से जुड़ी इन्हीं उलझनों का समाधान करते हुए सरकार ने साफ किया है कि कोरोना से रिकवर हुए लोग ठीक होने के तीन महीने बाद टीकाकरण करा सकते हैं। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिश पर वैक्सीनेशन को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनके मुताबिक जिन मरीजों को प्लाज्मा दिया गया है, वे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के 3 महीने बाद वैक्सीन ले सकते हैं। वहीं वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद संक्रमित हुए लोग पूरी तरह ठीक होने के 3 महीने बाद दूसरी डोज ले सकते हैं। गंभीर बीमारी के बाद स्वस्थ हुए लोग भी 4 से 8 सप्ताह बाद टीकाकरण करा सकते हैं। इसके अलावा स्तनपान कराने वाली महिलाएं वैक्सीनेशन करा सकती हैं, लेकिन प्रेगनेंट लेडीज को वैक्सीन लेना चाहिए या नहीं इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। टीकाकरण कराने के दो सप्ताह बाद रक्तदान भी कर सकते हैं वहीं कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोग भी रिपोर्ट नेगेटिव आने के दो हफ्ते बाद ब्लड डोनेट कर सकते हैं। इसके अलावा ICMR ने भी बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए घर में ही कोरोना का टेस्ट करने के लिए एक रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को मंजूरी दे दी। इस किट के जरिए लोग नाक के जरिए सैंपल लेकर संक्रमण की जांच कर सकेंगे।
4- चक्रवाती तूफान ताउते से गुजरात में भयंकर तबाही मची है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए कल गुजरात पहुंचे और राज्य व केंद्र शासित क्षेत्र दीव के तूफान से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम ने एक समीक्षा बैठक भी की और राज्य को इस मुश्किल वक्त से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तत्काल राहत के तौर पर एक हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है। इसके अलावा ताउते से प्रभावित राज्यों केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव तथा दादर और नागर हवेली में इस तूफान के चलते जान गंवाने वालों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने की भी घोषणा की गई है।
5- अभी एक तूफान के कहर से उबरे नहीं हैं कि दूसरे की आहट की सूचना मौसम विभाग ने दे दी है, जिसकी चपेट में बंगाल-ओडिशा के आने की संभावना है। बुधवार को मौसम विभाग ने आने वाले तूफान की जानकारी देते हुए कहा है कि उत्तर अंडमान सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी में 22 मई को कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है जो चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और इसकी रफ्तार अधिक तेज हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि ये तूफान उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ सकता है और 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है। इस तूफान को ओमान ने ‘यश’ नाम दिया है। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि इस तूफान की रफ्तार बीते साल मई में आए तूफान अम्फान के बराबर हो सकती है। आपको बता दें कि चक्रवाती तूफान ताउते के असर से दिल्ली एनसीआर में लागातर बारिश हो रही है, इस बारिश के चलते लुढ़के पारे ने बीते कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ा है। कल दिल्ली का तापमान मई महीने में साल 1951 के बाद पहली बार 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
6- किसानों की नाराजगी को दूर करने की कोशिशों में लगी सरकार द्वारा देश के किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है। बुधवार को पीएमओ की तरफ से जारी बयान मे कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उर्वरकों की कीमत पर हाई लेवल मीटिंग की गई जिसमें इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने के बाद भी किसानों को पुरानी कीमत पर ही उर्वरक मिले और ये फैसला लिया गया कि DAP पर किसानों को मिलने वाली सब्सिडी 500 रुपए प्रति बैग की जगह 1200 रुपए प्रति बैग दी जाएगी। आपको बता दें कि केन्द्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते कई महीने से आंदोलन कर रहे हैं, ऐसे में कहा जा रहा है कि ऐसी घोषणाओं से सरकार किसानों को शांत करने और उनकी नाराजगी को कम करने का हर संभव पैंतरा आजमा रही है।