1- कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के बीच लगातार चौथे दिन देश में नए संक्रमितों की संख्या 4 लाख के पार गई। कल 24 घंटे में 4 लाख 3 हजार 626 नए मामले सामने आए वहीं संक्रमण के चलते मौतों की गिनती कल भी 4 हजार के पार रही, कल देशभर में 4 हजार 91 संक्रमित मरीजों की मौत हुई। अच्छी बात ये रही कि कल भी 3 लाख 86 हजार 207 लोग ने इस बीमारी से मुक्त हुए। बात करें सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की तो महाराष्ट्र के अलावा केरल कर्नाटक में संक्रमितों की संख्या 40 हजार के पार रही। कल महाराष्ट्र में 56 हजार से ज्यादा नए मामले मिले और 864 लोगों की जान गई। कर्नाटक में 47 हजार 563 नए मामले सामने आए और 482 लोगों की मौत हुई, वहीं केरल में 41 हजार 971 नए संक्रमित मिले और इस दौरान 64 लोगों की जान गई। तमिलनाडु में 27 हजार 339 मिले, राज्य में कोविड संक्रमितों की बढ़ती गिनती को देखते हुए 10 मई से 24 मई तक के लिए कंप्लीट लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कल 26 हजार 636 नए मामले सामने आए और 298 लोगों की संक्रमण से मौत हुई। देश की राजधानी दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट में गिरावट आई, जो अब 23.34 फीसद रह गया है, कल 24 घंटे में दिल्ली में 17 हजार 364 नए मामले मिले और 332 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इस राज्यों के अलावा बंगाल में 19 हजार 436, राजस्थान में 17 हजार 987, बिहार में 12 हजार 948, छत्तीसगढ़ में 12 हजार 239, मध्यप्रदेश में 11 हजार 598 जबकि गुजरात में 11 हजार 892 नए कोविड संक्रमिक मिले।
2- महामारी के प्रकोप में ऑक्सीन की कमी के चलते जानें न जाएं इसके लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। ऑक्सीन की किल्लत को दूर करने के लिए कल सुप्रीम कोर्ट ने 12 सदस्यीय नेशनल ऑक्सीजन टास्क फोर्स का भी गठन किया जो देशभर में ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता पर नजर रखेगी, इस टास्क फोर्स का कार्यकाल 6 महीने का रखा गया है। वहीं, दूसरी तरफ कोरोना महामारी से फैले संकट के इस दौर में सड़कों पर प्राण वायु ले जाते वाहन वक्त पर जरूरतमंद जगहों तक पहुंच सकें इसके लिए NHAI यानि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक अहम फैसला लेते हुए, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन ले जाने वाले टैंकरों को देशभर में टोल फ्री कर दिया है। साथ ही ये भी कहा है कि ऑक्सीजन ले जा रहे टैंकर्स को इमरजेंसी व्हीकल्स जैसी सहूलियतें मिलें। इस आदेश में कहा गया है कि ऑक्सीजन ले जा रहे टैंकर्स को अगले आदेश तक NHAI के किसी भी टोल प्लाजा पर टोल टेक्स देने की जरूरत नहीं है। साथ ही ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों को एंबुलेंस की तरह ट्रीटमेंट और ट्रैफिक से क्लियरेंस मिले।
3- एक तरफ लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, तो दूसरी ओर इस महामारी से जंग जीतने के लिए दवाओं के ब्रह्मास्त्र तैयार किए जा रहे हैं। इसी बीच एक अच्छी खबर आई है DCGI से। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानि DCGI ने शनिवार को ड्रग 2डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) दवा से कोविड 19 के इलाज के लिए इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है। इस दवा को DRDO की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी की मदद से तैयार किया है। इस दवा के शुरुआती ट्रायल में मालूम हुआ कि ये कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ असरदार है, पाउडर के रूप में मिलने वाली इस दवा को पानी में घोलकर मरीज को पिलाया जाता है, ये दवा वायरस को बढ़ने से रोक देती है साथ ही इस दवा से मरीज के ऑक्सीजन लेवल में सुधार होता है। जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। ये दवा कोरोना मरीजों में संक्रमण की ग्रोथ रोककर उन्हें तेजी से रिकवर करने में मदद करती है। इस दवा को इमरजेंसी अप्रूवल मिलने के बाद अब कोरोना संक्रमित मरीज के लिए यह एक वैकल्पिक इलाज होगा।
4- कोरोना संक्रमण को लेकर आईआईटी कानपुर ने एक मैथमेटिकल स्टडी की है जिसमें कहा गया है कि मई के पहले हफ्ते में कोरोना की दूसरी लहर का पीक था, जो कि थोड़ा आगे बढ़ गया है, पीक आने के बाद रोजाना आने वाले संक्रमितों की संख्या घटने लगेगी और जुलाई में दूसरी लहर खत्म हो जाएगी लेकिन अक्टूबर में तीसरी लहर शुरु हो जाएगी, जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा। हाल ही में केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर विजय राघवन ने भी तीसरी लहर के आने की आशंका जताई है और अब कोरोना के आंकड़ों का एनालिसिस कर रहे IIT कानपुर के प्रद्मश्री प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि जुलाई में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद अक्टूबर महीने से ही तीसरी लहर शुरु हो जाएगी। हालांकि इस स्टडी में ये पता नहीं चल पाया है कि तीसरी लहर कितनी बड़ी और भयावह होगी। तीसरी लहर को लेकर प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने कहा है कि, हो सकता है कि तीसरी लहर सामान्य लहर ही हो, लेकिन ये कई चीजों पर डिपेंड करता है। इसलिए हमें अपनी तरफ से हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। तीसरी लहर के असर को कम करने के तरीके बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सितंबर-अक्टूबर तक देश की ज्यादा से ज्यादा आबादी को टीका लगाया जाए, साथ ही नए वेरिएंट्स की जल्द पहचान कर उन्हें रोका जाए और ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर ज्यादा फोकस किया जाए।
5- कोविड संक्रमितों की संख्या में दिन-ब-दिन हो रही बढ़ोत्तरी को लेकर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने फिर संज्ञान लेते हुए जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने के निर्देश दिए हैं ताकि कोरोना संक्रमण के विस्तार को नियंत्रित किया जा सके। कोर्ट ने कहा कि बीते साल कोरोना काल के दौरान जिन कैदियों को पैरोल या जमानत दी गई थी, उन्हें फिर से वही राहत दी जाए। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड हुए कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि हम निर्देश देते हैं कि जिन कैदियों को हमारे पूर्व के आदेशों पर पैरोल दी गई थी, उन्हें भी महामारी पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत दोबारा 90 दिनों की अवधि के लिए पैरोल दी जाए। आपको बता दें कि 2020 में भी कैदियों के बीच कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका से बचाव के चलते बहुत से कैदियों को जमानत व पैरोल पर रिहा किया गया था, और अब एक बार फिर कोर्ट ने ऐसा करने के निर्देश दिए हैं।