कोरोना महामारी से बढ़े संकट के बीच ब्लैक और व्हाइट फंगस ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दीं। कई राज्यों में कोरोना और ब्लैक फंगस से दोहरी जंग जारी है। ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद अब येलो फंगस की खबर से हड़कंप मचा गया है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में येलो फंगस के एक मरीज की पुष्टि की गई है। डॉक्टरों के अनुसार 45 वर्षीय यह मरीजपहले कोरोना संक्रमित हो चुका है और फिलहाल डायबिटीज से भी पीड़ित है।
डॉक्टरों के मुताबिक ब्लैक फंगस मरीज का इलाज करने के लिए ओटी में सफाई चल रही थी, इसी दौरान जांच में पता चला कि मरीज येलो फंगस से भी संक्रमित हो चुका है। हालांकि मरीज की हालत में पहले से सुधार है। मरीज के एंडोस्कोपी टेस्ट में पता चला कि उसे ब्लैक, व्हाइट और येलो फंगस है। येलो फंगस रेप्टाइल्स में पाया जाता है। उन्होंने बताया कि पहली बार मैंने इसे इंसानों में देखा है।
डॉक्टरों के मुताबिक इस बीमारी को म्यूकरसेप्टिकल्स कहा जाता है। डॉक्टरों ने बताया कि येलो फंगस बाकि के दोनों फंगस (ब्लैक और व्हाइट फंगस) से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। यह जानदेवा भी हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि अभी यह येलो फंगस छिपकली और गिरगिट जैसे जीवों में पाया जाता था। इतना ही नहीं यह जिस रेपटाइल को फंगस होता है वह जिंदा नहीं बचता, इसलिए इसे बेहद खतरनाक और जानलेवा माना जाता है।
डॉक्टरों का कहना है कि, व्हाइट फंगस जहां लोगों के लंग पर असर डालता है वही ब्लैक फंगस ब्रेन को अफेक्ट करता है. लेकिन येलो फंगस इन दोनों से खतरनाक है और आज से पहले किसी भी इंसान में इस तरह का फंगस नहीं पाया गया है। इस फंगस से संक्रमण के लक्षण हैं-
- नाक का बंद होना
- शरीर के अंगों का सुन्न होना
- शरीर में बहुत अधिक दर्द रहना
- हर वक्त कमजोरी महसूस होना
- हार्ट रेट का बढ़ना
- शरीर में घावों से मवाद बहना
- शरीर कुपोषित सा दिखने लगना