तीन कृषि कानूनों का विरोध अब बंगाल जा पहुंचा है। तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसान संगठनों यह तय किया है कि वो पश्चिम बंगाल की जनता से अपील करेंगे कि भाजपा का समर्थन ना करें। फिर चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में आये, लेकिन भाजपा नहीं। इसके लिए किसान संगठन सिलसिलेवार तीन दिन तक (शुक्रवार-रविवार) महापंचायतें आयोजित करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा कोलकाता, नंदीग्राम, सिंगुर, आसनसोल में रैलियां, रोड शो, किसान महापंचायतें, जनसभाएं आयोजित कर जनता और किसान भाइयों से अपील करेगा कि भाजपा को मत ना दें।
इन सभाओं में किसान नेता राकेश टिकैत से लेकर बलबीर सिंह राजेवाल, गुरुनाम सिंह चढूनी, हन्नान मुल्ला, युद्ववीर सिंह हिस्सा लेंगे। मेघा पाटकर और योगेद्र यादव भी कार्यक्रमों में शामिल होंगे। आंदोलन के ये सभी बड़े चेहरे किसानों के अलावा मजदूर व गरीबों को कृषि कानून से होने वाले नुकसान को बताएंगे।
आज यानी शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा नंदीग्राम में किसान महापंचायत करेगा। गौरतलब है कि नंदीग्राम वही सीट है जहां से बंगाल की मौजूदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कभी उनके करीबी सहयोगी रहे शुवेंदु मुखर्जी आमने-सामने होंगे।
बता दें कि संयुक्त मोर्चा बंगाल के अलावा उन राज्यों में भी सभाएं आयोजित करने जा रहा है जहां चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। पश्चिम बंगाल के अलाव इनमें असम, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं।