कोलकाता
किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट केस के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया है। अमित शाह ने कहा है कि किसी भी अपराधी की उम्र नहीं देखी जाती है। इस मामले में दिल्ली पुलिस पर उठ रहे सवालों का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि आखिर इसमें गलत क्या है? केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि क्राइम करने वाले व्यक्ति की उम्र नहीं पूछी जाती है। ना ही उसका प्रोफेशन पूछना चाहिए ? यह तो उसके गुनाह पर तय होता है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा पुलिस अपने हिसाब से काम कर रही है। जेंडर, प्रोफेशन और उम्र के आधार पर अपराध दर्ज नहीं किया जाता। 21 साल की उम्र के तो बहुत सारे लोग हैं, लेकिन दिशा रवि को ही क्यों अरेस्ट किया गया है। दिल्ली पुलिस अपने हिसाब से काम कर रही है। जिसे परेशानी है वो अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि अगर कल को कोई कुछ कर देता है…बड़ा गुनाह कर देता है और मानो वह कुछ भी है तो ऐसा कहना चाहिए कि क्यों राजनेताओं पर किया है, प्रोफेसरों पर किया है, क्यों किसानों पर किया है। शाह ने सवाल उठाते हुए पूछा ऐसा करेंगे क्या?
अमित शाह ने कहा कि ये एक नया ट्रेंड चल पड़ा है। जेंडर, प्रोफेशन और उम्र के आधार पर यह तय नहीं होता कि एफआईआर की जाएगी या नहीं। शाह ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाने वाले लोगों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि इस देश में अदालत है या नहीं।
किसान आंदोलन से जुड़ी जांच को लेकर केस या उसके मेरिट के बारे में शाह ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। शाह ने कहा कि यह उनका विषय नहीं है।