कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर धीरे धीरे ठंडा पड़ रहा है, राहत की बात है कि रोजाना आ रहे नए संक्रमितों की संख्या घट रही है, हां मौतों के आंकड़े भी घटें तो थोड़ी राहत महसूस हो, लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि दूसरी लहर के खत्म होने के बाद संक्रमण की जिस तीसरी लहर के कहर के कयास लगाए जा रहे हैं, उससे कैसे बचा जाए। तो जवाब है इम्यूनिटी।
इम्यूनिटी ही वो हथियार है जो इस महामारी से जंग में हमें जीत दिला सकता है। कैसे??? जानने और समझने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और इन बातो को अमल मे जरूर लाएं ताकि आप खुद को संक्रमण की मार से बचा पाएं।
बदलती जीवनशैली में हमारी और आपके खाने पीने की आदतों में काफी बदलाव आया है, इतना कि हम वक्त बचाने के लिए पौष्टिक खाने को नहीं जो जल्दी पक जाए उसे तवज्जो देते हैं, पौष्टीक हो ना हो, सिर्फ टेस्टी खाकर पेट भरने की इस सोच में हम ये भूल जाते हैं कि ऐसा भोजन या
खानपान हमारे शरीर को क्या देता है। अगर आंकलन करने बैठेंगे तो पाएंगे कि आजकल लोग दिनभर में जो खाते हैं वो शरीर को ताकत कम बीमारीयां ज्यादा देता है। जाहिर सी बात है ऐसा खानपान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से रहा, और हम…. महामारी से बचेंगे कैसे??? ऐसे में क्या करें, वक्त रहते संभल जाएं और अपनी खाने पीने की आदतों में आज से ही कुछ जरूरी बदलाव लाएं।
जंक फूड से बचें हो सके तो तौबा ही कर दें, ये सेहत को फायदे शून्य और नुकसान सौ देता है। इनमें बड़ी मात्रा में कैलोरी होती है। वजन तो बढ़ता ही है दांतों में सड़न, विटामिन की कमी समेत न जाने कितनी तरह की बामीरियां शरीर में आ बैठती हैं, सो अलग। सिर्फ स्वाद के चक्कर में क्यों शरीर का शोषण करना… घर का पका पौष्टिक भोजन कीजिए। रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी तो सेहत भी दुरुस्त रहेगी और बीमारियों से लड़में सक्षम होंगे सो अलग।
अगर आपको लगता है कि स्वादिष्ट भोजन आपकी नजर में सिर्फ पिज्जा, पास्ता, नूडल्स, मंचूरियन, ब्रेड-बर्गर और चिप्स-कोल्ड ड्रिक्स हैं, तो इस भूल से खुद को और घर के नन्हे मुन्हों को बाहर निकालिए। स्वादिष्ट भोजन में भी ऐसे सैकड़ों व्यंजन हैं जो स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी होते हैं और जीभ को स्वाद के साथ, शरीर को ताकत देते हैं।
- आज से सिर्फ इतना करें।
- बाहर की चीजों से पेट भरने की बजाए सिर्फ घर का बना हुआ खाएं।
- बच्चों को उनकी पसंद के हिसाब से घर में ही नए-नए व्यंजन बनाकर खिलाएं।
- खुद को और बच्चों को, घर के खाने की आदत डालें।
- खाना सिर्फ पेट भरने के लिए न खाएं, नियमित रूप से और ताजा व गर्भ भोजन खाएं।
- ध्यान रखे कि अपने भोजन में हरी व पत्तेदार सब्जियों व फलों को जरूर शामिल करें।
सबसे जरूरी और ध्यान देने वाली बात… रिफाइंड ऑयल की बजाए हो सके हो सरसों या मूंगफली के तेल का इस्तेमाल करें या घी में पकाएं। ये रिफाइंड ऑयल के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद हैं। योग और व्यायाम जरूर करें साथ ही सोच को सकारात्म बनाए रखें।