कांग्रेस ने शनिवार को महामारी से निपटने की केंद्र सरकार की कोशिशों को “व्यापक कुप्रबंधन” है, और “अभूतपूर्व तबाही” करार देते हुए चौतरफा हमला किया। पार्टी ने पीएम मोदी पर तंद कसते हुए कहा कि उनका अधिक ध्यान कोविड महामारी की बिगड़ती स्थिति को संभालने के बजाए पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार में पर लगा रहा है। “दिल्ली में रहने के बजाय” पीएम मोदी रैलियों को संबोधित करने में अधिक व्यस्त थे। पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था ने देश की स्थिति पर चर्चा करने और संकट से निपटने के लिए सरकार को सुझाव देने के लिए वर्चुअल तरीके से मुलाकात की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के सीनियर प्रवक्ता पी चिदंबरम ने कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार पर पर तंज कसते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “जब ज्यादातर अस्पतालों के दरवाजों पर ‘टीका खत्म’ का बोर्ड लटका हुआ है, तब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का दावा है कि टीकों की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री की मानें तो वैक्सीन, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, अस्पताल में बेड, डॉक्टरों और नर्सों की कोई कमी नहीं है। केवल मरीजों की कमी है”।
पीएम मोदी पर तंज कसते हुए पी चिदंबरम ने लिखा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने बंगाल के युद्ध को छोड़कर थोड़ा समय कोरोना महामारी के लिए भी निकाला।”
Believe the minister, there is no shortage of vaccines, oxygen, Remdisvir, hospital beds, doctors and nurses. There is only a shortage of patients!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 18, 2021
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार रात 8 बजे कोविड 19 की स्थिति पर समीक्षा बैठक की गई। बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के बड़े अधिकारी मौजूद थे। जिनमें कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल भी शामिल थे। इस दौरान पीएम ने दवाईयों, ऑक्सीजन, वेटिलेटर और वैक्सीन से संबंधित तमाम विषयों पर बातचीत की। बैठक के दौरान पीएम ने अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए बेड बनाए जाने की बात की, साथ ही उन्होंने दवाओं की बढ़ती मांग को लेकर भी विचार विमर्श किया।बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए जल्दी टेस्ट कराना और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करना ही एकमात्र विकल्प है। मरीजों की बढ़ती गिनती के बीच दवाओं की बढ़ रही मांग को देखते हुए पीएम ने देश के दवा निर्माता उद्योग की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने की आवश्यकता जताई और साथ ही रेमडेसिविर और अन्य दवाइयों की आपूर्ति की स्थिति की भी समीक्षा की। आपको बता दें कि कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही मुख्य दवा, रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने इसकी कीमत में करीब 50 प्रतिशत की छूट दी है। इस इंजेक्शन की कीमत 2,450 रुपये है और सरकार की छूट के बाद अब ये इजेंक्शन 1225 रुपए में मिल सकेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी 11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के कल वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की थी। हर्षवर्धन ने यह दावा किया था कि देश में वैक्सीन की किल्लत नहीं है। तेजी से बढ़ रही कोरोना पेशेंट की संख्या को देखते हुए वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।