पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार पर मंडराता संकट आखिरकार पार्टी के लिए नुकसान ले कर आया। विधानसभा में विश्वासमत के दौरान कांग्रेस-डीएमके की सरकार गिर गई है। विश्वास मत परीक्षण पर वोटिंग से पहले ही मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सदन से वाकआउट कर दिया। जिसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने एलान किया कि सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई।
दरअसल, कांग्रेस के पांच विधायकों और सहयोगी डीएमके के एक विधायक के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी सरकार पर अल्पमत के कारण मुसीबत आ गई।
मुख्यमंत्री नारायणसामी ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इससे पहले विधानसभा में नारायणसामी ने कहा, ”हमने द्रमुक और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी और हमने कई चुनावों का सामना किया। यहां तक कि हमने सभी उपचुनाव जीते। यह साफ है कि पुडुचेरी के लोगों को हम पर भरोसा हैं।”
बहरहाल, देश में कमजोर पड़ती कांग्रेस के लिए यह एक और हार है। इससे पहले पिछले साल मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। पुदुच्चेरी को लेकर अभी स्थितियां साफ नहीं हैं। राज्य में नई सरकार बनाई जाएगी या राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा इस पर फिलहाल कोई संकेत नहीं हैं।
नारायणसामी ने राज्य की पूर्व एलजी किरण बेदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘बेदी और केंद्र सरकार ने मिलकर सरकार को गिराने की कोशिश की है। जैसे ही हमारे विधायक एकजुट हुए, हम अंतिम 5 वर्ष निकालने में सफल रहे। केंद्र ने पुडुचेरी के लोगों के साथ धोखा किया है।”