कोरोना की दूसरी लहर के बाद थिएटर में रिलीज होने वाली अक्षय कुमार अभिनीत ‘बेलबॉटम’ के बाद, अमिताभ बच्चन की ‘चेहरे’ बड़े पर्दे पर रिलीज़ हुई है। हालांकि फिल्म की शुरुआत आशाजनक लगती है, लेकिन स्क्रिप्ट जल्द ही भटक जाती है। क्यों अमिताभ बच्चन, अनु कपूर और इमरान हाशमी की मौजूदगी रे बावजूद फिल्म कमजोर दिखाई देती है?