उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मंगलवार सुबह चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है। चार धाम यात्रा को लेकर संशोधित एसओपी जारी करते हुए यह कहा गया है कि आगामी एक जुलाई से प्रस्तावित चारधाम यात्रा को अग्रिम आदेशों तक के लिए स्थगित किया गया है। बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी थी जिसमें एक जुलाई से यात्रा शुरू करने का फैसला लिया था। जबकि दूसरे चरण की यात्रा 11 जुलाई से होनी तय की गई थी।
बता दें कि सोमवार को हाईकोर्ट ने एक जुलाई से चार धाम यात्रा कराने के कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सरकार के सभी तर्कों को सिरे से खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने सरकार की तैयारियों को आधी-अधूरी बताया था। यात्रा के दौरान पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए राज्य सरकार की व्यवस्थाओं पर असंतोष जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा था कि सरकार के अधिकारी कोर्ट को बहुत हल्के ढंग से ले रहे हैं, लिहाजा मुख्य सचिव अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष जवाब देने की ट्रेनिंग दें। अधिकारी गलत और अधूरी जानकारी देकर हमारे धैर्य की परीक्षा न लें।
सरकार ने पहले चरण में बदरीनाथ की यात्रा चमोली जिले के लोगों के लिए, केदारनाथ की रुद्रप्रयाग जिले के लोगों के लिए, गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए सशर्त खोलने का फैसला लिया था। उत्तराखंड सरकार ने अपनी घोषणा में कहा था, ‘यात्रा का पहला चरण 1 जुलाई से शुरू होगा और दूसरा चरण 11 जुलाई से शुरू होगा। यात्रा में शामिल होने के लिए यात्रियों के पास COVID-19 की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य है।’
हाईकोर्ट ने तीर्थ स्थलों से जुड़ी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार से मंदिरों में चल रहीं रस्मों और समारोहों का देशभर में सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था करने को कहा था। हाईकोर्ट ने कहा है कोरोना महामारी के मद्देनजर कुछ लोगों की भावनाओं का ध्यान रखने के बजाय कोरोना वायरस के ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप से सबको बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण है।