बिहार में सत्ता पर काबिज़ होने की लड़ाई तेज़ हो चली है। चुनावी मैदान में सभी दल अपने वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कूद पड़े हैं। एक पर एक दाव चले जा रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी अपना दाव चलते हुए पार्टी के नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही बिहार चुनाव में जीत का परचम फहराने के लिए उन्होंने 6 नेताओं की एक टीम बनाई है। इस टीम का काम आगामी चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति तैयार करना। आइये जानते हैं नीतीश ने किन-किन नेताओं पर जताया है भरोसा।
अशोक चौधरी (Ashok Choudhary)
यह वो शख्स हैं जो नीतीश के बेहद करीबी माने जाते हैं। प्रदेश सरकार में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को जेडीयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चार साल बिहार कांग्रेस में अध्यक्ष रहने के बाद 2018 में जेडीयू में आए अशोक चौधरी महादलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। अशोक चौधरी के राजनीतिक अनुभव और टेक्नोलॉजी की समझ का इस्तेमाल पार्टी, कोरोना काल में, वर्चुअल प्रचार को मजबूती देने के लिए करेगी।
संजय झा- संजय झा भी नीतीश के बेहद भरोसेमंद साथी माने जाते हैं। जदयू के महागठबंधन से अलग होने और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने में संजय झा की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही थी। अशोक चौधरी की तरह ही संजय झा भी तकनीक की अच्छी खासी समझ रखते हैं।
ललन सिंह (Lallan Singh)
ललन सिंह को बिहार चुनाव में बहुक अहम माना जा रहा है। उनकी राजनीतिक स्किल्स के नीतीश कुमार भी सराहना करते हैं। मुंगेर से सांसद ललन सिंह पार्टी में अच्छा कद रखते हैं तभी तो जब जेपी नड्डा बिहार दौरे पर आये तो ललन सिंह भी उनके साथ थे।
आरसीपी सिंह (R C P Singh)
आरसीपी सिंह सदैव ही जदयू की सियासी पकड़ को लेकर प्रयासरत रहे हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में भी आरसीपी सिंह पर अच्छी खासी ज़िम्मेदारी होने वाली है।
नौकरशाही से राजनीति में आए राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह इस बार भी पार्टी की मजबूती को बल देने पर जोर देने वाले हैं।
विजय चौधरी- बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय चौधरी पर भी पार्टी आलाकमान की अच्छी नज़र है। जेडीयू के दिग्गज नेता विजय चौधरी हमेशा ही पार्टी को सही और गलत का ज्ञान देने वाले विजय चौधरी नीतीश कुमार की खास पसंद माने जाते हैं।
वशिष्ठ नारायण सिंह
बिहार जेडीयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की सलाह हमेशा ही नीतीश कुमार के लिए मायने रखती है। आने वाले चुनाव में गिरते स्वास्थ्य की वजह से वो बहुत अधिक सक्रीय तो नहीं दिखेंगे पर पार्टी उनके सुझाव से ही विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों को उतारेगी।