अब तक सड़कों पर गाड़ी के नंबर प्लेट को लेकर आप समझ जाते होंगे की गाड़ी किस राज्य की है। साथ ही एक राज्य से दूसरे राज्य नौकरी या किसी और कारण से ट्रांसफर के सिलसिले में गाड़ी का नई जगह के हिसाब से रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। लेकिन अब इन पचड़ों से बचने के लिए एक खास सीरीज के नंबर की शुरुआत की जा रही है। नई व्हीकल रजिस्ट्रेशन पॉलिसी के तहत गाड़ी के नये नंबर की इस सीरीज की शुरुआत BH से होगी। यह नंबर पूरे भारत में काम करेगा। इस योजना की शुरुआत 15 सितंबर से होगी। इस सीरीज के नंबर की गाड़ी के मालिक को दूसरे राज्य में जाने पर आरसी ट्रांसफर की जरूरत नहीं पड़ेगी। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज ने 26 अगस्त को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है।
आइए समझते हैं BH सीरीज के नंबर के लिए कौन अप्लाई कर सकता है, अप्लाई करने की प्रोसेस क्या है, कितनी रकम खर्च करनी पड़ेगी, जानिए इस नंबर प्लेट से जुड़े अहम सवालों के जवाब-
BH सीरीज दूसरे नंबर प्लेट से किस प्रकार अलग
BH सीरीज की गाड़ी जिसके पास होगी यदि उसका ट्रांसफर किसी दूसरे राज्य में हो जाता है तो वहां उसे दोबारा रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। वो किसी भी राज्य में जाए उसे दोबारा रजिस्ट्रेशन की जरूत नहीं पड़ेगी।
क्या कहता है वर्तमान नियम?
वर्तमान नियम के मुताबिक कोई भी व्यक्ति एक राज्य में रजिस्टर्ड वाहन को किसी दूसरे राज्य में (दूसरे राज्य में नया रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने पर) अधिकतम 12 महीने तक रख सकता है। मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के सेक्शन 47 के अनुसार एक साल के भीतर आपको नए राज्य में अपने वाहन को रजिस्टर्ड कराना होता है।अधिकतम समय एक साल का है, वाहनों का 12 महीने की समाप्ति से पहले नया पंजीकरण अनिवार्य है। बीएच सीरीज के लांच से इस जद्दोजहद से छुटकारा मिलेगा। वर्तमान नियम में लोगों को कोई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। नये पंजीकरण के लिए पुराने RTO से NOC लाना पड़ता था। साथ ही इस प्रकिया में कई तरह की दिक्कतें डॉक्यूूमेंटेशन को लेकर आती थी।
नई सीरीज के लिए कौन कर सकता है अप्लाई
नई सीरीज को रक्षा कर्मियों, केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों, सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र की कंपनियों और संगठनों के स्वामित्व वाले निजी वाहनों के मालिकों के लिए किया गया है। साथ ही वो लोग जिनके ऑफिस चार या अधिक राज्यों में है उनके कर्मचारी अप्लाई कर सकते हैं। नई सीरीज के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों ही जगहों पर काम करने वाले लोग अप्लाई कर सकते हैं।
क्या यह योजना अनिवार्य है?
नए राज्य में वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाना वर्तमान नियमों के अनुसार अनिवार्य है लेकिन BH सीरीज के वाहनो के लिए इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। नये वाहन सीरीज के सिए अप्लाई करना एक स्वैच्छिक योजना है, अनिवार्य नहीं।
कैसा होगा BH सीरीज नंबर प्लेट
नंबर प्लेट कैसे पढ़ें?
नई संख्या श्रृंखला प्लेट प्रारूप में होगी – YY BH #### XX जहां YY पहले पंजीकरण के वर्ष के लिए है
BH का मतलब भारत सीरीज का कोड है
#### 0000 से 9999 तक की संख्या के लिए है (Random)
XX अक्षर का मतलब है AA से ZZ तक कोई भी अल्फाबेट
कितने साल के लिए, कितना टैक्स
BH सीरीज के लिए अप्लाई करने वालों के पास विकल्प होंगे। उन्हें दो साल, चार साल, 6 साल यानी दो के गुणकों में रोड टैक्स का भुगतान करना होगा। ना ही इस प्रक्रिया के लिए आरटीओ जाने की जरूरत होगी, पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। BH सीरीज के लिए मंत्रालय ने 10 लाख रुपये तक की लागत वाले वाहनों के लिए 8%, 10-20 लाख रुपये की लागत वाले वाहनों के लिए 10% और 20 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले वाहनों के लिए 12% रोड टैक्स तय किया है। डीजल वाहनों के लिए 2% एक्सट्रा और इलेक्ट्रिक वाहनों पर 2% कम कर लगाया जाएगा। अगर आप इसे वर्तमान नियम से तुलना करके देखेंगे तो सबकुछ आसान लगेगा। वर्तमान में निजी वाहनों का रजिस्ट्रेशन करवाने के समय 15 साल के रोड टैक्स का अग्रिम भुगतान करना होता है। और अगर वहान मालिक गाड़ी दूसरे राज्य में ले जाते हैं तो वहां दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होता है। आसान शब्दों में यदि किसी दूसरे राज्य में चार साल पुरानी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करवाना है तो दोबारा 11 वर्षों का टैक्स भरना पड़ता है। परेशानी यह भी आती है कि वाहन मालिक को उस राज्य से पहले से भुगतान की गई राशि का दावा करना पड़ता है जहां वाहन का मूल रूप से रजिस्ट्रेशन हुआ था।
नई सीरीज के फायदे
राज्य बदलने पर वाहन के बार-बार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी।
पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, आरटीओ जाने की जरूरत नहींं होगाी।
कैसे करें BH सीरीज के लिए अप्लाई?
यदि आप पुराने वाहन के लिए BH सीरीज अप्लाई कर रहे हैं तो जिस भी राज्य में वाहन मूल रूप से पंजीकृत है वहां से गाड़ी के रजिस्टर्ड RTO से NOC (No Objection Certificate) की जरूरत पड़ेगी। जिस राज्य में रजिस्ट्रेशन करवाना है वहां नए RTO में आपको कम से कम 2 साल का रोड टैक्स देना होगा। आपका पुराना RTO टैक्स रिफंड हो जाएगा। जब तक राज्य में रहेंगे, उस हिसाब से 2 के मल्टीपल में 14 साल तक का टैक्स इकट्ठा भी जमा कराया जा सकता है। नए सीरीज के लिए अप्लाई करते समय कंपनी से जुड़े डॉक्युमेंट, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन और खुद के डॉक्युमेंट की जरूरत होगी। नये वाहनों को खरीदने वाले लोग BH सीरीज का रजिस्ट्रेशन वाहन खरीदते समय ही कर सकते हैं।