कृषि विधेयकों के मुद्दे पर राजनीति गरमा रही है। सदन में हंगामा और फिर 8 सांसदों के निलंबन के बाद अब विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन की घोषणा की है। जनआंदोलन के तहत विरोध मार्च व धरना-प्रदर्शन किये जाएंगे। इन विधेयकों के खिलाफ किसानों और गरीब लोगों के दो करोड़ हस्ताक्षर जुटाना भी जनआंदोलन में शामिल है। राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
इस बात का निर्णय पार्टी मुख्यालय में हुई पहली बैठक में लिया गया। बैठक में कांग्रेस महासचिवों के अलावा राज्यों के प्रभारी भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान तीनों कृषि विधेयकों के विरोध का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
कांग्रेस नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और रणदीप सिंह सुरजेवाला इस विशेष समिति के सदस्य हैं। प्रियंका गांधी वाद्रा और जितिन प्रसाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। संगठन एवं संचालन कार्यों को लेकर सोनिया गांधी की सहायता करने वाली विशेष समिति के सदस्यों ने बैठक की निगरानी की।
बैठक में यह तय किया गया कि पार्टी कृषि विधेयकों के मुद्दे को ना केवल राज्य स्तर पर लोगों के बीच उठाएगी बल्कि इसे जिला एवं गांव स्तर तक ले जाएगी।