मुंबई: आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी के टीजर के रिलीज के साथ ही फिल्म को लेकर विवाद शुरु हो गया है। संजय लीला भंसाली निर्देशित इस फिल्म को लेकर यह विवाद शुरु हो गया है कि फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी जगह की छवि खराब करेगी।हालांकि, कुछ लोग टीजर में आलिया भट्ट की परफॉर्मेंस को देखकर काफी खुश हैं लेकिन कमाठीपुरा में रहने वाले कई लोगों का दावा है कि फिल्म के टीजर में दिखाए गए तथ्य गलत और झूठे हैं। इससे उनके समाज को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। फिल्म के खिलाफ संगठन ‘कमाठीपुरा की आवाज’ ने आवाज उठाते हुए कहा है कि कमाठीपुरा के इतिहास से धब्बे धोने के लिए वहां के लोगों ने काफी मेहनत की है। लोगों का कहना है कि फिल्म जगह की छवि को धूमिल करेगी।
कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी?
गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। चंकि उनका ताल्लुक मूल रूप से गुजरात के काठियावाड़ से था इस कारण उनका नाम ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ पड़ गया। रूप की धनी गंगूबाई को महज 16 साल की उम्र में अपने पिता के अकाउंटेंट रमणीक लाल से इश्क हो गया। गंगा यानी गंगूबाई हीरोइन बनना चाहती थी, इस बात का फायदा उठाकर रमणीक लाल उसे भगाकर मुंबई ले आया। रमणीक लाल ने गंगा को 500 रुपये में कोठे पर बेच डाला। यहीं से गंगा का नाम गंगूबाई हो गया। कहा जाता है कि कोठे पर गंगूबाई के रिश्ते अंडरवर्ल्ड के लोगों से बने और कुछ ही समय में गंगूबाई काठियावाड़ी का बड़ा नाम बन गई। इलाके के लोग गंगूबाई के नाम से खौफ खाते थे। माना जाता है कि मुंबई के अलावा देश के कई शहरों में फ्रेंचाइजी कोठे खोलने वाली वो पहली महिला थीं।
क्या है कमाठीपुरा?
मुंबई स्थित कमाठीपुरा (Kamathipura) गूबाई काठियावाड़ी फिल्म के बाद से ही सुर्खियों में है। मुंबई का रेड लाइट एरिया, कमाठीपुरा सेक्स वर्कर्स (Sex Workers) के लिए जाना जाता है। दक्षिण मुंबई में कमाठीपुरा देश के सबसे बड़े रेड-लाइट क्षेत्रों में से एक है।