1- किसानों और सरकार के बीच बैठक आज
किसानों और सरकार के बीच कल होने वाली बैठक को एक दिन आगे बढ़ाया गया, अब ये बैठक
आज होगी, इस दसवें दौर की बातचीत में सरकार आज किसानों से गणतंत्र दिस पर ट्रैक्टर रैली न
करने की बात करने के साथ-साथ फिर से कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रख सकती है। कल सिंघु
और टीकरी बॉर्डर पर ट्रैक्टर रैली के विषय में किसानों और दिल्ली,हरियाणा व यूपी पुलिस के बीच
बातचीत भी हुई है लेकिन पुलिस किसानों को ट्रैक्टर रैली न करने की बात पर मना नहीं पाई है।
कृषि कानूनों पर गतिरोध को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्टद्वारा बनाई गई समिति ने भी कल
पहली बैठक पूसा में की, अब ये समिति किसानों के साथ कल 21 जनवरी को कृषि कानूनों पर चर्चा
के लिए बैठक करेगी। कल होने वाली बैठक और एक दिन आगे इसीलिए बढ़ाया गया ताकि सरकार
ट्रैक्टर रैली व समिति को लेकर किसानों की मंशा को जान सके। अब आज फिर से उन्हीं विषयों पर
बातचीत के साथ चर्चा को आगे बढ़ाया जाएगा, लेकिन समाधान निकलेगा या नहीं ये बड़ा प्रश्न है।
2- वेब सीरीज तांवड के बाद अब मिर्जापुर को लेकर भी विवाद गरमाया
वेब सीरीज तांवड विवाद के बाद अब एक और वेब सीरीज मिर्जापुर को लेकर भी विवाद गरमाया
हुआ है। हालांकि तांडव के प्रोड्यूसर्स ने विवादों के बाद सीरीज के विवादित सीन्स में चेंज की बात
कही है। तांडव वेब सीरीज पर जहां धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है तो वहीं अब
मिर्जापुर सीरीज में मिर्जापुर को गलत ढंग से दिखाने का आरोप लगा है। बीते साल अक्टूबर महीने में
मिर्जापुर का दूसरा सीजन अमेजन प्राइम पर रिलीज हुआ था, उस समय भी इस सीरीज को लेकर
काफी विवाद हुआ था और सोशल मीडिया पर मिर्जापुर के बायकॉट की मांग भी उठी थी और अब
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक निवासी अरविंद चतुर्वेदी ने मिर्जापुर 2 के निर्माताओं के खिलाफ
एफआईआर दर्ज कराई है, उनका कहना है कि इस सीरीज में गाली-गलौज और अवैध संबंधों को
दिखाया गया है। सीरीज में जिस तरीके से मिर्जापुर को दिखाया गया है उससे इस जगह की छवि
खराब हुई है और धार्मिक, क्षेत्रीय व सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस शिकायत के आधार
पर मिर्जापुर सीरीज के प्रोड्यूसर रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर और भौमिक गोंदालिया के खिलाफ
आईपीसी की धारा 295 A, 504, 505 और आईटी अधिनियम के तहत मिर्जापुर कोतवाली पुलिस स्टेशन
में एफआईआर दर्ज की गई है।
3- मंगलवार 19 जनवरी को कोरोना वैक्सीन के विदेश निर्यात को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया बड़ा ऐलान
मंगलवार 19 जनवरी को कोरोना वैक्सीन के विदेश निर्यात को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने
एक बड़ा ऐलान किया। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को घोषणा की कि पड़ोसी देशों में कोरोना वैक्सीन की
आपूर्ति बुधवार से शुरू होगी। वैक्सीन निर्यात को लेकर ये बड़ा ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि
वैश्विक समुदाय की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में भारत को एक लंबे समय तक
भरोसेमंद साझेदार के रूप में सम्मानित किया जाता रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि पड़ोसी और
प्रमुख भागीदार देशों ने भारत सरकार से देश में बनी कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति के लिए अनुरोध
किया है। भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशल्स को अनुदान सहायता के तहत आपूर्ति
20 जनवरी से शुरू होगी। सूत्रों की मानें तो भारत सरकार द्वारा 45 लाख खुराकों की खरीद भारत
बायोटेक से की जाएगी औऱ इन 45 लाख खुराकों में से 8 लाख से ज्यादा कोवैक्सीन टीके भारतसरकार की ओर से मॉरीशस, फिलीपींस और ग्यांमार जैसे मित्र देशों को सद्भावना के तौर पर
निशुल्क दिए जाएंगे।
4- भारत में सबसे सस्ता खाना संसद की कैंटीन में
भारत में सबसे सस्ता खाना अगर कहीं मिलता है तो वो है संसद की कैंटीन, लेकिन अब संसद की
ये सबसे सस्ती थाली महंगी होने वाली है। दरअसल सरकार ने संसद कैंटीन में फूड सब्सिडी को
खत्म कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब संसद सदस्यों, स्टाफ और बाहरी लोगों, सभी
को सामान्य रेट पर खाना मिलेगा। लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंगलवार को इस फैसले के
बारे में बताते हुए कहा कि संसद की कैंटीन में सब्सिडी पूरी खत्म किए जाने के बाद इससे हर साल
17 करोड़ रुपए की बचत होगी। आपको बता दें कि 2019 के शीत कालीन सत्र के ओम बिड़ला ने
संसद कैंटीन में फूड सब्सिडी खत्म करने का सुझाव दिया था जिसके बाद सभी सांसदों ने तय किया
था कि वे कैंटीन में किसी भी तरह की सब्सिडी का फायदा नहीं लेंगे।
5- लड़की की शादी के लिए न्यूनतम उम्र पर पुनर्विचार के लिए समिति की गठित
मौजूदा समय में विवाह के लिए लड़की की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित की गई है, लेकिन
विवाह के लिए लड़की की न्यूनतम उम्र पर पुनर्विचार के लिए पिछले साल जया जेटली की अध्यक्षता
में एक 10 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसे अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई तक जमा
करनी थी लेकिन इस समिति ने अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री कार्यालय और महिला एवं बाल विकास
मंत्रालय को हाल ही में भेजी हैं। सूत्रों की मानें तो इस समिति ने लड़कियों के विवाह की उम्र बढ़ाने
की पुरजोर सिफारिश की है। अब इस मामले पर केंद्र सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है। आपको
बता दें कि 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर
से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार महिलाओं की शादी के लिए न्यूनतम आयु क्या
होनी चाहिए, इस बारे में विचार कर रही है। शादी के लिए लड़की की न्यूनतम उम्र पर पुनर्विचार के
लिए एक समिति की गठन किया गया है, समिति की रिपोर्ट जमा होते ही इस विषय पर उचित
फैसला लिया जाएगा।