कृषि बिल को लेकर किसानों ने आज (शुक्रवार) को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। किसानों द्वारा की गई, कृषि बिलों के खिलाफ, बंद की घोषणा को कई राजनीतिक दलों का समर्थन भी हासिल है।
दरअसल यह विरोध संसद के दोनों सदनों में पारित कृषि बिलों के खिलाफ है। कई राज्यों के किसान संगठनों ने शुक्रवार को बिल के प्रति विरोध में देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। अनुमान है कि यह विरोघ उग्र रूप भी ले सकती है जिसके लिए हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों की पुलिस पूरी तरह से तैनात है।
किसान संगठनों के अलावा कई राजनीतिक दल भी विरोध में उतरेंगे।
चुंकि कृषि बिलों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में देखने को मिला है इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि इन राज्यों में स्थिति बेकाबू हो सकती है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों के साथ हैं, वो लगातार इन विधेयकों की खिलाफत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शुक्रवार को प्रदेश में धारा 144 के उल्लंघन की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी। विरोध प्रदर्शन में उतरने वाले किसान संगठनों से उन्होंने अपील की है कि आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
हरियाणा में भी इन विधेयकों के खिलाफ किसान संगठनों ने कमर कस ली है। बीकेयू समेत कई किसान संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल में साथ देने की बात कही है। भाजपा शासित हरियाणा में आंदोलन के मद्देनज़र सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने की तैयारी कर ली है। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने गृह विभाग और पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग में डीजीपी से कहा कि वो हड़ताल के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकें।
हालांकि देशव्यापी किसान आंदोलन में ज्यादातर किसानों ने अपने-अपने क्षेत्रों में रहते हुए प्रदर्शन का ऐलान किया है और राजधानी दिल्ली में न जाने का फैसला किया है, फिर भी दिल्ली पुलिस शुक्रवार को पूरी सख्ती के साथ तैनात दिखेगी। दिल्ली पुलिस हरियाणा बॉर्डर पर खास तौर पर अलर्ट रहेगी और बॉर्डर सील करने की तैयारी भी कर ली है।
किसानों ने आह्वान किया है कि वो कषि विधेयकों के विरोध में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे।
कृषि विधेयकों पर मचे इस बवाल में कई विपक्षी दल किसानों के साथ खड़े हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी गुरुवार को ऐलान किया कि वह किसानों के आंदोलन में साथ देगी। उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी भी किसानों के विरोध प्रदर्शन में साथ रहेगी।
पंजाब में भी किसानों का पक्ष रखते हुए कृषि विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की इकलौती केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।