आज सोमवार है, तारीख 29 नवंबर; अगहन मास, कृष्ण पक्ष और दशमी तिथि
1- कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन ने एक बार फिर सभी की चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि कई देशों में इस वैरिएंट ने लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है। चिंता की बात ये है कि इस वैरिएंट में उसके स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा म्यूटेशन हुए हैं जिससे ये काफी मजबूत हो सकता है, और वैक्सीन के कारगर हथियार पर भी भारी पड़ सकता है। यही वजह है कि इस वैरिएंट के प्रति एहतियात बरतते हुए डॉ गुलेरिया ने संक्रमण से बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और संक्रमित क्षेत्र से आने वाले लोगों को लेकर बहुत सतर्क और आक्रामक निगरानी रखने की जरूरत पर जोर दिया तो नए वेरिएंट को लेकर गंभीरता से काम कर रहे भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए कल नई गाइडलाइन्स जारी कीं, जो 1 दिसंबर से लागू होंगी। जिनके तहत यात्री को यात्रा से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अपलोड करने के साथ-साथ अपने 14 दिनों की ट्रेवल हिस्ट्री जमा करनी होगी। नए वैरिएंट की चपेट में आए देशों से आने वाले यात्रियों को कोरोना टेस्ट कराना होगा और टेस्ट नेगेटिव आने पर भी उन्हें 7 दिन के लिए क्वारंटीन रहना होगा। हाई रिस्क वाले देशों के अलावा दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को ही एयरपोर्ट से बाहर जाने की इजाजत होगी लेकिन इन्हें भी दो हफ्ते खुद की निगरानी करनी होगी। वहीं संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर, 15 दिसंबर से शुरु हो रही अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के फैसले पर भी सरकार एक बार फिर विचार करेगी।
2- आज सोमवार 29 नवंबर से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है। जिसपर किसानों की पैनी नजर है क्योंकि इस सत्र में वो तीनों कृषि कानून रद्द होंगे जिनके विरोध में तमाम किसान सालभर से सड़क पर है। वैसे आज ही तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने वाला विधेयक लाये जाने की संभावना है, जो लोकसभा में पारित होने के बाद लोकसभा में पेश हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि विपक्ष ने मांग की है कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधेयक को लिया जाए। इस विधेयक के उद्देश्य और कारणों के स्टेटमेंट में कहा गया है कि ‘ऐसे में जब हम आजादी का 75वां वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो समय की जरूरत है कि सभी को समावेशी प्रगति और विकास के रास्ते पर साथ लिया जाए। इसके साथ ही सत्र में कृषि उत्पादों के निश्चित मूल्य की गारंटी के लिए एमएसपी पर कानून बनाने की मुद्दा भी उठ सकता है क्योंकि सत्र की शुरुआत से पहले कल रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें 31 दलों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बैठक में मौजूद नहीं थे। इस बैठक में सभी दलों ने केन्द्र सरकार से मांग की कि, किसानों के उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर तुरंत कानून बनाने के लिए काम किया जाए। किसानों के अलावा पेगासस, चीन द्वारा अतिक्रमण, जम्मू कश्मीर और महंगाई जैसे मुद्दे भी इस सत्र में सुनाई देंगे।
3- एक तरफ जहां सरकार तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान कर किसानों से घर वापसी की अपील कर चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ किसान कृषि कानूनों की वापसी के बाद एमएसपी पर कानून बनाने तक आंदोलन खत्म न करने की बात कह चुके हैं, लेकिन इसी बीच खबर आ रही है कि किसान नेताओं ने आज सोमवार को सिंघु बॉर्डर पर आपात बैठक बुलाई है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में किसानों की घर वापसी का ऐलानन हो सकता है हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत लगातार सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते नजर आ रहे हैं। एएनआई के मुताबिक राकेश टिकैत ने मुंबई में किसान मजदूर महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा, सरकार धोखा कर रही है, सावधान रहने की जरूरत है अभी सरकार बात करने की लाइन में नहीं आई है ये सरकार षड्यंत्रकारी, बेईमान और धोखेबाज है किसान समाज और मजदूरों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने एक बार फिर चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को अपना रुख बदले और एमएसपी पर गारंटी का कानून तुरंत लाये। नहीं तो 26 जनवरी दूर नहीं है, चार लाख ट्रैक्टर और किसान भी वहीं हैं। उनके इस संबोधन से ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि एमएसपी पर कानून बनने तक किसान घर वापसी की राह पकडेंगे।
4- उत्तर प्रदेश में UPTET यानि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 का पेपर ऑनलाइन लीक होने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई है। परीक्षा रद्द किए जाने के फैसले से 21 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों को झटका लगा है, जिन्होंने पेपर लीक होने को सरकार की लापरवाही कहा है। बता दें कि इस परीक्षा के लिए कल रविवार को दूर दूर से अभ्यार्थी पहुंचे थे लेकिन जैसे ही परीक्षा शुरु हुई इसके रद्द होने की जानकारी मिली और यूपी एसटीएफ ने पेपल लीक के मामले में करीब 26 लोगों को गिरफ्तार किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया है। उन्होंनें कहा कि प्रदेश में हम नकल माफिया को ठहरने नहीं देंगे, मामले में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी, इनकी अवैध संपति को भी जब्त किया जाएगा और टीईटी पेपर लीक करने वालों के घरों पर सरकार का बुलडोजर चलेगा। सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा कि ये शरारत करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि, किसी भी अभ्यर्थी को कहीं पर भी परेशानी ना हो इसके लिए प्रदेश सरकार यूपी टीईटी के अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है। एक महीने के अंदर परीक्षा का आयोजन होगा जिसके लिए अभ्यार्थियों से फिर से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा साथ ही यात्रा कर परीक्षा केन्द्र पर पहुंचने वाले सभी अभ्यार्थियों की निशुल्क यात्रा की बात भी सीएम ने कही।
5- त्रिपुरा में हुए नगर निकाय चुनावों में बीजेपी ने अपनी जीत परचम लहराया है और 334 में से 329 सीटों पर विजय हासिल की है। नगर निगम की सभी 51 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है जबकि टीएमसी और माकपा 11 नगर निकायों में अपना खाता तक नहीं खोल पाईं। राज्य के निकाय चुनावों में इस प्रचंड जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर, त्रिपुरा के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना की और जीत के लिए लोगों को शुक्रिया कहा। पीएम मोदी ने कहा, मैं निकाय चुनावों में त्रिपुरा भाजपा को स्पष्ट समर्थन देने के लिए राज्य के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। त्रिपुरा के लोगों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वे सुशासन की राजनीति को प्राथमिकता देते हैं। ये आशीर्वाद हमें त्रिपुरा में प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण के लिए काम करने की अधिक शक्ति देते हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं की सरहाना में पीएम ने ट्वीट कर कहा, भाजपा त्रिपुरा कार्यकर्ताओं की सराहना करना चाहता हूं जिन्होंने अथक परिश्रम कर लोगों की सेवा की। बिप्लब देब जी के नेतृत्व में राज्य सरकार कई पहलों में सबसे आगे रही है, जिसका नतीजा है कि जनता ने विधिवत आशीर्वाद दिया है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी त्रिपुरा निकाय चुनावों में मिली इस सफलता को भाजपा की भव्य जीत कहा साथ ही मुख्यमंत्री बिप्लब देब, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और भाजपा कार्यकर्ताओं को इस ऐतिहासिक जीत की बधाई दी। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, भाजपा की ऐतिहासिक विजय राष्ट्रवादी ताकतों और विकासवादी सोच की जीत है। ये विघटनकारी ताकतों, हिंसा की राजनीति करने वालों और त्रिपुरा का अपमान करने वालों की करारी हार है।