स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
21 मई को होती है पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि, साथ ही इस तारीख को देशभर में National Anti-Terrorism Day यानि आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आईये आपको इश दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों से अवगत कराते हैं।
National Anti-Terrorism Day यानि आतंकवाद विरोधी दिवस, तो इस दिन को मनाने का क्या उद्देश्य है, ये आप इस नाम से समझ ही गए होंगे, लेकिन जहां तक बात है इस दिन को मनाने की शुरुआत की, तो आपको बता दें कि यह दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की याद में मनाया जाता है जिनकी साल 1991 में आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से ही देश में उनकी पुण्यतिथि पर इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई, इस दिन को मनाने का उद्देश्य है देश-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वालों को आगाह करना, जो अपने नापाक मनसूबों से देश की शांति को भंग करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
साल 1991 में घटी वो आतंकी वारदात आज भी याद आती है, तो सिहरन पैदा होती है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक रैली में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर गए थे, उनके सामने एक महिला आई जो LTTE यानि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के एक आतंकवादी समूह की सदस्य थी, वो एक मानव बम थी जिसके हाथों में भले फूल थे लेकिन कपड़ों के नीचे विस्फोटक थे, उसने प्रधानमंत्री से कहा कि वो उनके पैर छूना चाहती है, वो जैसे ही पैर छूने के लिए झुकी, तभी अचानक बम विस्फोट हुआ जिसमें पीएम राजीव गांधी के अलावा लगभग 25 लोग मारे गए। उस वक्त ये खबर आग की तरह पूरे देश में फैली और लोगों में इस अंतर्देशीय आतंकवाद ने भय पैदा किया।
देश बीते कई दशकों से इस तरह के आतंकवाद का दंश झेल रहा है, आतंकवादी गतिविधियों के चलते न जाने कितने ही मासूम अपनी जिदंगी खो बैठते हैं, लेकिन ऐसी हिंसक प्रवृत्ति और मनसूबे रखने वालों पर शिकंजा कसा जा सके, और जनमानस में इस विषय के प्रति जागरुकता बढ़े। इसी उद्देश्य से 21 मई की तारीख को National Anti-Terrorism Day यानि आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए युवाओं के आतंकवाद और मानव जीवन पर इसके कारण पड़ने वाले प्रभाव के प्रति जागरुक किया जाता है, युवाओं को शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे विभिन्न आतंकवादी समूहों में शामिल न हों, साथ ही ये दिन लोगों को आतंकवाद विरोधी सामाजिक कार्य के लिए भी जागरूक करता है। इस दिन को इस मकसद से मनाया जाता है कि लोगों के बीच एकता के भाव पैदा कर एकजुटता को बढ़ाया जा सके।
मानवता और शांति के संदेश का प्रचार करने और आतंकवादी गतिविधियों से लड़ने के महत्व को उजागर करने के लिए भारत सरकार द्वारा हर साल आतंकवाद विरोधी उत्सव मनाने का कदम उठाया गया और 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। तभी से हर साल देश में इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों इत्यादि में आतंकवाद विरोधी प्रतिज्ञा के साथ इस दिन को मनाया जाता है। इस दिन आतंकवाद और हिंसा के खतरों पर स्कूलों- कॉलेजों और विभिन्न शिक्षण संस्थानों में चर्चाएं आयोजित करके इस विषय के प्रति जागरुक किया जाता है और आतंकवाद व उसके बाद के दुष्प्रभावों को उजागर करने के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। साथ ही इस दिन दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी को विशेष जुलूसों द्वारा सम्मान प्रदान कर, लोग राजीव गांधी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। कई स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और निजी कार्यालयों में लोग सिर झुकाकर दो मिनट का मौन भी रखते हैं।
इस दिन को मनाने के भावों को सरल शब्दों में कहें तो National Anti-Terrorism Day यानि आतंकवाद विरोधी दिवस उन आतंकवादी कृत्यों के प्रति क्रोध व्यक्त करता है, जो मानवता के अधिकारों पर हमला करते हैं, साथ ही शांति और मानवता के संदेश के साथ एकजुटता दिखाता है और ये दर्शाता है कि सभी को एकजुट होकर एक साथ, जागरुकता, मोहब्बत और इंसानियत आदि से इस अमानवीय सोच आतंक का अंत करना है।