दशकों पुराने बाबरी मस्जिद विध्वंस आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 30 सितंबर को अपना अंतिम फैसला सुनाएगी। सीबीआई कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर रहे विशेष जज एस के यादव की ट्रायल की स्टेट्स रिपोर्ट देखने के बाद मामले की सुनवाई पूरी करने की समय सीमा को एक महीना बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया है जो पहले 31 अगस्त का था। बाबरी विध्वंस मामले में कुल 32 आरोपी हैं।
इस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत, कल्याण सिंह और विनय कटियार समेत कई नाम शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की समय सीमा 31 अगस्त, 2020 तय करते समय कहा था कि लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत अगस्त अंत तक मुकदमे को पूरा करे और फैसला दे। तब कोर्ट ने यह बी कहा था कि समय सीमा का पालन हो जिसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सुविधाओं का उपयोग किया जा सकता है।
विशेष जज एसके यादव ने शीर्ष अदालत को यह सूचित किया था कि वह 30 सितंबर, 2019 को सेवानिवृत हो जाएंगे। इस पर अदालत ने कहा कि इस हाई प्रोफाइल मामला को उसी जज द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।