सोमवार को संसद के सत्र में सरकार की ओर से यह सूचित किया गया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जांच की जा रही बैंक धोखाधड़ी के मामलों में नामित अड़तीस लोग भारत से भाग चुके हैं।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यह बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने यह स्पष्ट किया है कि उनके द्वारा दर्ज वित्तीय अनियमितताओं के मामले में 38 व्यक्ति देश छोड़ चुके हैं।
अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने 20 लोगों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है। 14 लोगों के संबंध में प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे गए जबकि भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत 11 लोगों के खिलाफ आवेदन दायर किए गए हैं। ।
सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए 4 जनवरी, 2019 को संसद को सूचित किया था कि पिछले पांच वर्षों में बैंक धोखाधड़ी के आरोपी 27 लोग भारत भाग गए थे।
अब यह संख्या 27 से बढ़कर 38 हो गई है।
इनमें से दो आरोपियों को वापस लाया गया है। सनी कालरा को वापस लाया गया है जिन पर पंजाब नेशनल बैंक को 10 करोड़ और विनय मित्तल को बैंकों को 40 करोड़ का धोखा देने का आरोप था।
इस लंबी सूची में विजय माल्या पर 9,000 करोड़ की राशि का धोखा देने का आरोप; नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और परिवार पर 12,000 करोड़ की धोखाधड़ी और सेंडेसरा ने 15,000 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगा है।