मशहूर शायर राहत इंदौरी नहीं रहे, मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। 70 वर्षीय राहत इंदौरी कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती थे। राहत की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें अरबिंदों हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, हॉस्पिटल में भर्ती होते वक्त कोरोना पॉजिटिव होने की खबर ट्वीट की थी.
उन्होंने कहा था कि Covid-19 के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है. अरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं. दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं।
हृदय रोग, किडनी रोग और मधुमेह सरीखी पुरानी बीमारियों से पहले से ही पीड़ित थे राहत इंदौरी के इंतकाल पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया है और प्रदेश और देश की अपूरणीय क्षति बताया है। शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में लिखा है, ” अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अज़ीज़ राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों और चाहने वालों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें”।
अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अज़ीज़ श्री राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों और चाहने वालों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 11, 2020
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शायर राहत इंदौरी के निधन को देश और साहित्य जगत का बड़ा नुकसान बताया है। उन्होंने ट्वीट किया,’ मक़बूल शायर राहत इंदौरीजी के गुज़र जाने की खबर से मुझे काफ़ी दुख हुआ है. उर्दू अदब की वे क़द्दावर शख़्सियत थे. अपनी यादगार शायरी से उन्होंने एक अमिट छाप लोगोंके दिलों पर छोड़ी है. आज साहित्य जगत को बड़ा नुक़सान हुआ है. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं।”
मक़बूल शायर राहत इंदौरीजी के गुज़र जाने की खबर से मुझे काफ़ी दुख हुआ है। उर्दू अदब की वे क़द्दावर शख़्सियत थे।अपनी यादगार शायरी से उन्होंने एक अमिट छाप लोगों के दिलों पर छोड़ी है।आज साहित्य जगत को बड़ा नुक़सान हुआ है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 11, 2020
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी राहत इंदौरी के निधन पर शोक जताया है।
मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब के निधन की खबर जानकर बेहद दुख हुआ। आज देश ने एक महान शख़्सियत को खो दिया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दें।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 11, 2020
शायर बनने से पहले पेंटर थे राहत इंदौरी
राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर में हुआ था. बचपन में उनका नाम कामिल था जो बाद में राहतउल्ला कुरैशी हुआ लेकिन उन्होंने अपनी पहचानडॉ. राहत इंदौरी के नाम से बनाई।
उनके पिता, रफ्तुल्लाह कुरैशी, कपड़ा मिल के कर्मचारी थे। माता का नाम मकबूल उन निशा बेगम था।
राहत इंदौरी ने दो शादियां की। उनकी पत्नियों के नाम अंजुम रहबर (1988-1993), सीमा राहत है. उनके बेटों का नाम फ़ैसल राहत, सतलज़ राहत और उनकी बेटी का नाम शिब्ली इरफ़ान है।
राहत की शुरूआती शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई। इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकत उल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए किया। 1985 में उन्होंने मध्प्रय देश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
राहत इंदौरी ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रह चुके हैं।
शायरी का सफर महज 19 वर्ष की उम्र में शुरू हुआ।
गौरतलब है कि शायरी की दुनिया में कदम रखने से पहले, इंदौरी एक चित्रकार थे।
इंदौरी शायर होने से पहले पेंटर थे। मालवा मिल क्षेत्र में साइन बोर्ड बनाया करते लेकिन शायरी उनकी मोहब्बत थी। अक्सर ही दोस्तों के बीच उनकी शायरी की महफिल सजा करती थी।
पहली बार उन्होंने रानीपुरा में मुशायरा पढ़ा था। यहां स्थित बज्म-ए-अदब लाइब्रेरी में अक्सर मुशायरे की महफिल सजा करती, राहत भी पहुंच जाते थे। एक दिन वहां मौजूद एक शायर की नजर उन पर पड़ गई। बस फिर क्या था उनकी शायरी ने सबको मुरीद कर दिया।
राहतउल्ला कुरैशी मंच पर बुला लिया और कहा कि आज तुम्हें मुशायरा पढ़ना है, फिर क्या था! उन्होंने वो शेर सुनाए कि लोग उनके कायल हो गए।
मैं, मर जाऊं, तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना,
लहू से मेरी पेशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना…..#MahatmaGandhi #LalBahadurShastri pic.twitter.com/9bVC0pVkHl— Dr. Rahat Indori (@rahatindori) October 2, 2018
अपने बेबाक अदांज़ और बेहतरीन शायरी के लिए पहचाने जाने वाले राहत ने हिन्दी फिल्मों के लिये गीत भी लिखे थे और दुनिया भर के मंचों पर काव्य पाठ किया था।