World Mental Health Day 2020 : मेंटल हेल्थ यानि मानसिक स्वास्थ्य, यह वो शब्द हैं जिनके बारे में बात करने पर अक्सर लोग घबराते हैं और हिचकिचाहट होती है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस विषय को ज्यादा दिनों तक इग्नोर करने से कई बीमारियाँ हमें घेरने लगती हैं। जाने-अनजाने हम मानसिक स्वास्थ्य को चोट पहुँचाते हैं। दरअसल, आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में हम अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने लगते हैं। शरीर की थकान कब बीमारी का रूप ले लेती है पता नहीं चलता। हालांकि शारीरिक बीमारी तो आपको नजर आ जाती है पर मानसिक बीमारी या मानसिक रूप से अस्वस्थ होने पर पता लगाना मुश्किल हो जाता है। पीड़ीत को भी पता नहीं चलता, जो खुद बीमारी से जूझ रहा होता है।
आजकल मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुकता तो बढ़ी है पर इस पर और बात करने की जरूरत है। लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील और जागरूक करने के उद्देश्य से ही दुनिया भर में 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) के रूप में मनाया जाता है।
आइये जानें क्यों मनाया जाता है विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
देखा जाए तो मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। कोई भी देश इससे अछूता नहीं है पर भारत में यह समस्या कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गई है। हर सात व्यक्ति में से एक व्यक्ति इस बिमारी से ग्रस्त है। मानसिक रोग कई बार इतना भयावह हो जाता है कि आत्महत्या के ख्याल भी आने लगते हैं। ऐसे में समूचे विश्व को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का इतिहास
पहली बार साल 1992 में संयुक्त राष्ट्र (UN)के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ (World Health Fedreation For Mental Health) की पहल पर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया था। इस वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन में 150 से अधिक देश सदस्य हैं। इसके बाद साल 1994 में तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव यूजीन ब्रॉडी के सुझाव पर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस को एक थीम के साथ जोड़ा गया। वर्ष 1994 में पहली बार थीम रखा गया – “दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार”। उस वर्ष से यह परंपरा शुरू हुई और तब से हर साल 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। कुछ देशों में तो मानसिक रोगों से बचने और उससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह (Mental Health Week) भी मनाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया भी एक ऐसा ही देश है।