स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसके प्रति सही जानकारियों का अभाव बहुत सी समस्याओं की वजह बनता है, कई बार बीमारी से संक्रमित मरीजों को समाज के बुरे व्यवहार का भी शिकार होना पड़ता है, इसलिए इस बीमारी से जुड़े हर पहलू के प्रति सही जानकारियों के बारे में प्रत्येक का जागरुक होना जरूरी है। ऐसा ही एक विषय है AIDS Vaccine, जिसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए 18 मई की तारीख को विश्वभर में World AIDS Vaccine Day के रूप में मनाया जाता है। आईये इस विषय से जुड़ी कुछ और जरूरी बातें आपको बताते हैं।
एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जिससे बचाव का एक ही उपाय है जागरुकता। इसलिए 1 दिसंबर को मनाए जाने वाले एड्स दिवस के अलावा 18 मई को वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे भी मनाया जाता है जिसे एचआईवी वैक्सीन अवेयरनेस डे भी कहा जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है लोगों को एड्स वैक्सीन के बारे में शिक्षित व जागरुक करना। हम सभी जानते हैं कि HIV यानि ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस के कारण लोगों को बीमार करने वाला एड्स एक लाइलाज बीमारी है जिसकी कोई कारगर दवा अभी तक नहीं बन सकी है। इसलिए इसकी वैक्सीन के उपायों और उसके बारे में जागरूकता के लिए ये दिन मनाया जाता है, और इस दिन ऐसे स्वयंसेवकों, सामुदायिक सदस्यों, स्वास्थ्य पेशेवरों और वैज्ञानिकों का शुक्रिया भी अदा किया जाता है जो एड्स की रोकथाम के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी एचआईवी वैक्सीन खोजने के लिए लगातार काम और शोध कर रहे हैं।
इस दिन को मनाने के लिए 18 मई की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि साल 1997 में 18 मई को ही तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में एक भाषण के दौरान दुनिया भर के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से एड्स के लिए एक टीका बनाने की दिशा में काम
करने के लिए कहा था, उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बढ़ते हुए स्वरूप की तारीफ करते हुए अगले एक दशक में एड्स का टीका विकसित करने की बात कही थी और HIV को पूरी तरह ख़त्म करने का एकमात्र प्रभावी वैक्सीन को बताय़ा था। क्लिंटन के इस भाषण की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए 1998 में पहला विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मनाया गया और इस तरह इस भाषण को World AIDS Vaccine Day मनाने का आधार बनाया गया।
इस दिन हेल्थ प्रोफेशनल्स,वालंटियर, कम्युनिटी मेंबर्स और वैज्ञानिकों को शुक्रिया तो कहा ही जाता है उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा भी होती है। विश्वभर में इस दिन लोगों को जागरुक किया जाता है कि समय पर सही इलाज के जरिए है इश बीमारी पर काबू पाया जा सकता है और इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। सात ही इस दिन लोगों को एड्स के प्रति बचाव और संभावित इलाज संबंधी बातों के बारे में भी जागरुक किया जाता है।
इस दिन विभिन्न सामाजिक संस्थाएं जनमानस को ये समझाती हैं कि यदि हम इस विषय के प्रति पूरी जरह जागरूक बनें तो एड्स पर नियंत्रण के लिए हम सभी इसके प्रसार को रोकने और वैश्विक बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।