पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के करीबी रहे जितिन प्रसाद कांग्रेस से लगभग 20 साल पुराना नाता तोड़ कर भगवा दामन थाम रहे हैं। जाहिर सी बात है बीजेपी में शामिल होने का मकसद अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जितिन का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है।
जितिन प्रसाद का भाजपा से जुड़ना ब्राह्मण वोटों के लिहाज से अहम है लेकिन कांग्रेस को इसका भारी नुकसान है। दरअसल भाजपा अपने उपर लगने वाले आरोपों को धोना चाह रही है। बता दें कि मौजूदा दौर में योगी सरकार खुद को मुश्किलों से घिरा महसूस कर रही है। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में दिखी कुव्यवस्था हो या फिर ब्राह्मणों की उपेक्षा, सरकार पर आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल कर भाजपा ब्राह्मणों के वर्ग को लुभाने का प्रयास कर रही है।