1- देश में कुल संक्रमितों की संख्या भले अबतक ढाई करोड़ के आंकड़े को पार कर गई हो लेकिन लगातार दूसरे दिन 24 घंटे में मिलने वाले नए संक्रमितों की संख्या में आई गिरावट एक राहत भरी खबर है। कल सोमवार को भी देशभर में 24 घंटे में नए संक्रमितों की संख्या 2 लाख 62 हजार रही लेकिन इस दौरान 4 हजार 334 लोगों की मौत हो गई। राज्यवार अगर बात करें तो दिल्ली में संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ी है यहां पॉजिटिविटी रेट घटकर 8.42 फीसद रह गया है, कल दिल्ली में 4 हजार 524 नए मामले सामने आए और 340 मरीजों की मौत हुई। वहीं सबसे ज्यादा कोरोना का प्रकोप झेल रहे महाराष्ट्र में नए संक्रमितों की संख्या 26 हजार 616 रही और 516 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कल 9 हजार 391 नए संक्रमित मिले और 285 लोगों की मौत हुई। बात करें केरल कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों की तो कर्नाटक में कल भी 38 हजार 603 नए मामले सामने आए और 476 लोगों की जान गई। तमिलनाडु में 33 हजार 75 लोग कोरोना संक्रमित मिले और 335 लोगों की मौत हुई। केरल में 21 हजार 402 नए संक्रमित मिले और 87 लोगों की जान गई। पश्चिम बंगाल में 19 हजार 3 नए संक्रमित मिले और 147 लोगों की मौत हुई। राजस्थान में 11 हजार 597 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई और 157 लोगों ने दम तोड़ा। गुजरात
में 7 हजार 135 नए संक्रमित मिले और 81 लोगों की जान गई। इसके अलावा मध्यप्रदेश में 5 हजार 921 नए संक्रमित मिले और 77 की जान गई। वहीं असम में कल 24 घंटे में अब तक के सबसे ज्यादा 6 हजार 393 नए मामले सामने आए और अब तक की सबसे ज्यादा 92 मौंते भी हुईं। इस दौरान एक दुख भरी खबर ये है कि हजारों कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे पद्मश्री सम्मानित डॉक्टर के के अग्रवाल वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी कोरोना से जंग हार गए। वैसे संक्रमितों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट पर विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हम
सावधानी बरतते रहेंगे तो जून तक कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने की पूरी उम्मीद है।
2- कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच शहरों के बाद गांवों में गंभीर होती स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर के डॉक्टर्स से बातचीत की। मिटिंग में प्रधानमंत्री ने हेल्थ वर्कर्स के काम की सराहना की साथ ही सभी शहरी डॉक्टर्स से अपने अनुभव ग्रामीण हेल्थ वर्कर्स से साझा करने और उन्हें ट्रेनिंग देने की भी अपील की। उन्होंने बैठक में कहा कि कोविड संक्रमण की पहली लहर के बाद अब हमें दूसरी लहर को भी हराना होगा। आज समाज में वैक्सीनेशन और महामारी के प्रति जागरुकता को लेकर डॉक्टर्स ही परिवर्तनकारी भूमिका निभाएं। पीएम ने डॉक्टर्स को एक अहम जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि डॉक्टर्स, वैक्सीन को लेकर समाज में फैली अफवाहों को दूर करने के लिए आगे आएं और लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करें। साथ ही पीएम ने डॉक्टर्स से अपील की कि जरूरतमंद और पिछड़े क्षेत्रों के डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने अनुभव शेयर करें और हो सकते तो उन्हें ट्रेनिंग भी दें। आज प्रधानमंत्री 48 जिलों के जिलाधिकारियों से भी वर्चुअल मीटिंग करेंगे और उसके बाद 20 मई को 52 जिलों के जिलाधिकारियों से कोरोना से निपटने के उपायों पर पीएम चर्चा करेंगे।
3- कोरोना के इलाज के लिए पाउडर फॉर्म में तैयार की गई DRDO की एंटी कोविड ड्रग 2DG कल लॉन्च कर दी गई है और 10 हजार डोज का पहला बैच कल इमरजेंसी यूज के लिए रिलीज कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि कोविड संक्रमितों के इलाज में 2-DG दवा, गेमचेंजर साबित हो सकती है। DRDO ने भी इस दवा को लेकर दावा किया है कि इस दवा से मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम होगी और इस दवा के इलाज से मरीज 2-3 दिन पहले ठीक होगा यानि अस्पताल से मरीजों को जल्द छुट्टी मिलेगी। जाहिर है दोनों की दावों के सही साबित होने पर चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बोझ कम होगा, क्योंकि अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी की जो समस्या सिर दर्द बनी हुई है, उससे निजात मिलेगी। ये दवा पाउडर के रूप में है जो पानी में घोलकर मरीजों को दी जाएगी। ये दवा वायरस संक्रमित कोशिकाओं में जमा होकर वायरस को मिलने वाली एनर्जी को बंद कर देती है और वायरस को एनर्जी नहीं मिलती तो बॉडी में नए वायरस बनना बंद हो जाते
हैं। इस दवा को लेकर एक अच्छी बात ये है कि ये ऐसे रसायन से बनी है जिस पर पेटेंट नहीं है, ऐसे में जैनरीक होने की वजह से कम दाम पर भरपूर दवा बनाई जा सकती है।
4- भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एक चिंताजनक दावा किया है, जिसके मुताबिक देश अभी और समस्याओं से दोचार होगा। उन्होंने ऐसी संभावना जताई है कि भारत में अभी कोरोना संक्रमण की और नई लहरें आ सकती हैं, ऐसे में अगले 6 से 18 महीने में महामारी पर नियंत्रण के लिए किए गए प्रयास काफी अहम होंगे। उन्होंने कहा कि वायरस में होने वाले बदलाव और नए वैरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन कितनी प्रभावी होगी, ऐसी ही कई चीजों से तय होगा कि आने वाले समय में भारत में कोरोना की स्थिति क्या रहेगी। डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में मौजूद वैक्सीन नए वैरिएंट और उसके म्यूटेंट के खिलाफ भी कारगर है। इसलिए वैक्सीन लेना बहुत जरूरी है। हो सकता है वैक्सीनेशन के बाद भी लोग संक्रमित हों, क्योंकि वैक्सीन 100 फीसदी सुरक्षा तो नहीं दे सकती, लेकिन कंप्लीट वैक्सीनेशन के बाद एक बड़ी आबादी को गंभीर खतरे से बचाया जा सकता है। उन्होंने भारत में मेडिकल फैसिलिटी बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि भारत में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की जरूरत है। खास तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार करना ज्यादा बेहतर साबित होगा।
5- कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के बीच देश में बुजुर्ग लोग बड़े पैमाने पर संक्रमण का शिकार हुए हैं। बुजुर्गों को इस विकट समय में ज्यादा समस्यों का सामना न करना पड़े, इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा बुजुर्गों के लिए टोल-फ्री नंबर 14567 हेल्पलाइन सेवा को सभी राज्यों में शुरू किया जा रहा है और फिलहाल 5 राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु में इसे शुरु कर दिया गया है। इस हेल्पलाइन के जरिए बुजुर्ग लोग दवाओं, भोजन व सुरक्षा सहित किसी भी तरह की समस्या पर मदद मांग सकते हैं। आपको बता दें कि ये हेल्पलाइन काफी समय पहले ही शुरु होनी थी लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे शुरु होने में इतना वक्त लगा। अब इसे तेजी से लागू करने पर काम किया जा रहा है।
6- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड भी हाईस्कूल परीक्षा के लिए पंजीकृत करीब 30 लाख परीक्षार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट कर सकता है। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से 18 मई, मंगलवार शाम तक छमाही और प्रीबोर्ड परीक्षा का प्राप्तांक व पूर्णांक, परिषद की वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा है। ऐसे में उम्मीद है कि बोर्ड इसे लेकर जल्द फैसला सुना सकता है। दरअसल सीबीएसई ने अप्रैल में ही फैसला लिया था कि 10वीं के छात्रों को बिना फाइनल एग्जाम ही अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा, सीबीएसई के इस फैसले के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी बोर्ड भी ऐसा ही फैसला ले सकता है।