इस बार का गणतंत्र दिवस हर साल की भांति भव्य और ऐतिहासिक धरोहर और सैन्य ताकत को खुद में समेटे होगा लेकिन फिर भी कोरोना काल में आयोजित होने वाला यह गणतंत्र दिवस अलग होगा। आज गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पहली बार राफेल लड़ाकू विमानों की उड़ान के साथ टी-90 टैंकों, समविजय इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली, सुखोई-30 एमके आई लड़ाकू विमानों समेत अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा।
72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहली बार बांग्लादेश के सशस्त्र बलों की टुकड़ी दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश सैन्य बल की 122 सदस्यीय टुकड़ी भी मंगलवार को राजपथ पर कदमताल करेगी। बताया जा रहा है कि 26 जनवरी को राजपथ पर परेड की शुरुआत बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के संयुक्त दस्ते और उनके मिलिट्री बैंड की सलामी से शुरू होगी। इसमें सात अधिकारियों समेत 122 सैनिक होंगे।
बांग्लादेशी सेना दल नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड की पहली दस पंक्तियों का नेतृत्व करेंगी। पहली छह पंक्तियों का नेतृत्व बांग्लादेश की थल सेना करेगी, अगली दो पंक्तियों का नेतृत्व बांग्लादेश की नौसेना करेगी और अंतिम दो पंक्तियों में बांग्लादेश वायु सेना शामिल होगी।
मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘बांग्लादेश की टुकड़ी, बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं की विरासत को आगे बढ़ाएगी जिन्होंने लोगों पर दमन और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायी थी और बांग्लादेश को 1971 में आजादी दिलायी।’ भारत, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है। इसी युद्ध के बाद एक नये देश का जन्म हुआ और बांग्लादेश अस्तित्व में आया था।
कितने राज्यों, मंत्रालयों की होगी झांकी
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि गणतंत्र दिवस परेड की भव्यता को बताते हुए कहा कि राजपथ पर 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों, रक्षा मंत्रालय की छह झांकियों दिखाई देंगी। इस बार 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में, गुजरात, असम, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और लद्दाख की झांकी पेश की जाएगी। साथ ही अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और अर्द्धसैनिक बलों की नौ झांकियों समेत 32 झांकियों में देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, आर्थिक उन्नति और सैन्य ताकत की आन बान शान नजर आएगी।
लोक नृत्यों का सांस्कृतिक प्रदर्शन
मंत्रालय ने कहा,‘स्कूली छात्र लोक नृत्य पेश करेंगे। ओडिशा में कालाहांडी के मनमोहक लोक नृत्य बजासल, फिट इंडिया मूवमेंट और आत्मनिर्भर भारत के अभियान की बानगी भी पेश की जाएगी।’
परेड में क्या हैं बदलाव
इस साल गणतंत्र दिवस कोरोना महामारी के चलते थोड़ा अलग होगा। केवल 25,000 दर्शक गणतंत्र दिवस परेड के गवाह बनेंगे जबकि अबतक 150,000 दर्शकों को अनुमति दी जाती थी। परेड का मार्ग भी पहले से छोटा कर दिया गया है और प्रतियोगी केवल नेशनल स्टेडियम (National stadium )तक जाएंगे जो कि पहले लाल किले (Red Fort) तक मार्च करते थे। कोई भी अनुभवी मार्चिंग दल या झांकी इस साल मौजूद नहीं होगी। 15 साल से कम उम्र के बच्चों को शामिल होने की अनुमति नहीं है।
नौसैन्य अभियान की झांकी
परेड के दौरान थल सेना अपने मुख्य जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो सरथ, ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, रॉकेट सिस्टम पिनाका, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समविजय समेत अन्य का दमखम प्रदर्शित करेगी। गणतंत्र दिवस परेड पर इस साल नौसेना अपने पोत आईएनएस विक्रांत और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी पेश करेगी।
राष्ट्रपति के सलामी लेने के बाद होगी परेड की शुरुआत
परंपरा के मुताबिक, झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सलामी लेने के बाद परेड की शुरुआत होगी।