कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की भारत में एंट्री हो चुकी है। कर्नाटक में गुरुवार को इसके दो मामले सामने आए हैं। वहीं आंध्र प्रदेश सरकार विदेश से लौटे 60 लोगों में से 30 लोगों की तलाश कर रही है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए इन 30 लोगों का RT-PCR टेस्ट होना है लेकिन 30 लोग गायब बताए जा रहे हैं। दरअसल अफ्रीका से आए 9 लोगों को मिलाकर करीब 60 पैसेंजर पिछले 10 दिनों में विशाखापत्तनम पहुंचे हैं। इनमें से 30 अभी विशाखापत्तनम में रुके हुए हैं, जबकि बाकी 30 राज्य में अलग जगहों के लिए निकल गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उन्हें ट्रेस करने की कोशिश हो रही है लेकिन इनमें से कुछ लोग फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं।
वहीं राजस्थान में भी ओमिक्रॉन का खतरा दिख रहा है। यहां 7 दिन पहले दक्षिण अफ्रीका से जयपुर आए एक परिवार के 4 लोग पॉजिटिव आए हैं। इनमें दंपती समेत उनकी दो बच्चियां (8 और 15 साल) पॉजिटिव मिले हैं। फिलहाल आनन फानन में सभी को ओमिक्रॉन का संदिग्ध मानते हुए क्वारैंटाइन किया गया है। इनके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं
कोरोना के सबसे खतरनाक वैरिएंट माने जा रहे ओमिक्रॉन के दो मामले कल कर्नाटक के बैंगलुरु में मिलने से देश में दहशत का माहौल पैदा हो गया। इसके अलावा गुजरात के जामनगर में भी कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद एक 72 साल के बुजुर्ग को ओमिक्रॉन संदिग्ध की कैटेगरी में रखा गया है, जो हाल ही में जिम्बाव्वे से लौटा है। भारत में दो ओमिक्रॉन संक्रमितों के मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हमें घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें, मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाएं। बता दें कि सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिले ओमिक्रॉन वैरिएंट से अब तक 30 देशों में लोग संक्रमित हो चुके हैं और अभी तक 375 लोग इस वैरिएंट की चपेट में आए हैं।