महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) वोट बैंक को साधने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है। हरियाणा में ओबीसी वोटों के समर्थन से मिली बड़ी जीत के बाद, महाराष्ट्र में भी ओबीसी वर्ग को साधने के उद्देश्य से राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने अहम निर्णय लिए हैं।
गैर-क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव
राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अपनी एक बैठक में निर्णय लिया कि वह केंद्र सरकार से ओबीसी वर्ग के लिए ‘गैर-क्रीमी लेयर’ की आय सीमा को मौजूदा ₹8 लाख प्रति वर्ष से बढ़ाकर ₹15 लाख प्रति वर्ष करने का अनुरोध करेगी। यह फैसला राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले लिया गया है। गैर-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र आरक्षण का लाभ उठाने के लिए आवश्यक होता है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि व्यक्ति की पारिवारिक आय निर्धारित सीमा के भीतर है।
कैबिनेट की बैठक में 38 फैसले पारित
चुनावी माहौल को ध्यान में रखते हुए, महाराष्ट्र कैबिनेट की इस बैठक में 80 प्रस्तावों पर विचार किया गया, जिनमें से 38 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। ओबीसी वर्ग के अलावा आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए भी कई सौगातों की घोषणा की गई। आदिवासी समुदाय के लिए, शबरी आदिवासी वित्त निगम की गारंटी को ₹50 करोड़ से बढ़ाकर ₹100 करोड़ कर दिया गया है। वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय के लिए मौलाना आजाद अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम का बजट ₹700 करोड़ से बढ़ाकर ₹1,000 करोड़ किया गया है।
शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी
अल्पसंख्यक समुदाय के मदरसों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन में भी भारी बढ़ोतरी की गई है। डी.एड. वाले शिक्षकों का वेतन ₹6,000 से बढ़ाकर ₹16,000 कर दिया गया है, जबकि बी.ए., बी.एड. शिक्षकों का वेतन ₹8,000 से बढ़ाकर ₹18,000 किया गया है।
अन्य बड़े फैसले
कैबिनेट की इस महत्वपूर्ण बैठक में अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के मसौदा अध्यादेश को मंजूरी दी गई। यह अध्यादेश आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। इसके अलावा, जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे, जो मुंबई-नागपुर समृद्धि कॉरिडोर से जुड़ेगा, के निर्माण को भी हरी झंडी दी गई। साथ ही, राज्य के 57 सरकारी अस्पतालों में शौचालय और विश्राम कक्ष बनाने के लिए सुलभ इंटरनेशनल के साथ एक प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली।
चुनावी समीकरण पर नजर
BJP का पारंपरिक वोट बैंक माने जाने वाले ओबीसी समुदाय से नजदीकी बढ़ाने के ये प्रयास सीधे तौर पर चुनावी समीकरणों को साधने की कोशिश हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में ओबीसी वोटों का कुछ हिस्सा BJP से दूर होता दिखा था, जिसे अब वापस लुभाने के लिए ये घोषणाएं की गई हैं।
आचार संहिता लागू होने से पहले अंतिम बैठक
बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने बताया कि लंबे समय से ओबीसी समुदाय की यह मांग थी कि गैर-क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाई जाए, क्योंकि मौजूदा आय सीमा वास्तविकता से मेल नहीं खाती। यह फैसला राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि जरूरत के अनुसार लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कैबिनेट बैठक आचार संहिता लागू होने से पहले संभवतः अंतिम बैठक थी।