महाराष्ट्र की चुनावी राजनीति में एक नया नाम जुड़ने जा रहा है। चर्चित अधिकारी समीर वानखेड़े अब चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक, वानखेड़े मुंबई की धारावी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं और इसके लिए उनकी बातचीत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना से अंतिम चरण में पहुँच गई है। सूत्रों की मानें तो वानखेड़े जल्द ही अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर शिंदे की शिवसेना का हिस्सा बन सकते हैं, जो महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजित पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन में है।
इस्तीफे की तैयारी
बताया जा रहा है कि समीर वानखेड़े जल्द ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इस्तीफे के बाद वे औपचारिक रूप से शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो सकते हैं। धारावी सीट, जिससे वानखेड़े के चुनाव लड़ने की चर्चा है, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ की पारंपरिक सीट रही है। वर्षा गायकवाड़ इस सीट से पहले विधायक थीं, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सांसद का पद हासिल किया। 2019 में इस सीट से शिवसेना के उम्मीदवार आशीष वसंत मोरे मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें वर्षा गायकवाड़ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। अब शिंदे-भाजपा गठबंधन इस सीट को हॉट सीट बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है।
विवादों से चर्चाओं तक
समीर वानखेड़े का नाम पहली बार रिया चक्रवर्ती और शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान के ड्रग्स मामलों से सुर्खियों में आया। उस समय वानखेड़े मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) में तैनात थे। हालांकि, 2023 में वे खुद विवादों में फंस गए। उनके खिलाफ लगातार दो बड़े एक्शन हुए। पहले उन्हें उनके विभाग ने निलंबित किया, और फिर फरवरी 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। हालांकि, अप्रैल 2024 में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
समीर वानखेड़े का परिचय
समीर वानखेड़े का जन्म मुंबई में हुआ था और वे 2008 बैच के IRS अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा मुंबई से पूरी की। उनकी सबसे प्रमुख तैनाती नारकोटिक्स विभाग के जोनल प्रमुख के रूप में हुई, जहां उन्होंने अपने करियर के दौरान 17 हजार किलो से अधिक ड्रग्स जब्त किए, जो एक रिकॉर्ड है। वानखेड़े ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की, जिनमें सुशांत सिंह राजपूत का ड्रग्स मामला और आर्यन खान का मामला प्रमुख है।
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या समीर वानखेड़े का राजनीतिक सफर भी उतना ही चर्चित होगा जितना उनका प्रशासनिक करियर रहा है।