रतन टाटा आज अपना 85वां जन्मदिन मना रहे हैं। एक उदार दिल और सौम्य व्यक्तित्व के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले रतन टाटा एक सफल कारोबारी हैं, लेकिन जिंदगी बगैर किसी तामझाम के जीना पसंद करते हैं। देश-दुनिया में शायद ही कोई हो जो रतन टाटा को पसंद नहीं करता हो। टाटा संस के चेयरमैन के रूप में कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा की जिंदगी में भी एक खालीपन है। उनकी निजी जिंदगी अकेलेपन में डूबी है। अकेलेपन का दर्द उन्हें किस तरह सालता है, इसका जिक्र उन्होंने अपने मैनेजर शांतनु नायडू के स्टार्टअप गुडफैलो के एक कार्यक्रम के दौरान कियाथा।
उन्होंने कहा कि अकेलेपन का अहसास क्या होता है उसे आप तब तक नहीं जान सकते हैं, जब तक आप अकेले नहीं रहते हैं। टाटा ने कहा कि जब तक आप सच में बूढ़े नहीं हो जाते आप बुजुर्गों के मन को नहीं समझ पाते हैं। अकेलेपन का दर्ज रतन टाटा पहले भी कई बार बयां कर चुके हैं। आपके जहन में भी यह सवाल उमड़ रहा होगा कि आखिर इतने हैंडसम, सफल बिजनेसमैन ने कभी शादी क्यों नहीं की। दरअसल रतन टाटा ने कभी मुहब्बत तो की थी लेकिन उसे शादी के अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए।
उन्हें एक नहीं बल्कि चार बार सच्चा प्यार हुआ, लेकिन अफसोस की उनकी प्रेम कहानी अधूरी रह गई। रतन टाटा इस बारे में बहुत बात नहीं करते हैं। एक बार बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम के उन्होंने बताया कि कैसे भारत-चीन युद्ध के कारण उनकी शादी टल गई। उन्होंने बताया कि लॉस एंजेलिस में नौकरी के दौरान उन्हें एक अमेरिकी लड़की से प्यार हुआ था। रतन टाटा उस लड़की से शादी करना चाहते थे। दो साल के कोर्टशिप के बाद दोनों ने शादी करने का मन भी बना लिया। लेकिन प्यार के रास्ते आसान नहीं होते। उनका इश्क मुकम्मल नहीं हो पाया। दरअसल, रतन टाटा की दादी की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अचानक भारत लौटना पड़ा। दोनों ने तय किया कि उनकी गर्लफ्रेंड भी भारत आएंगी, जहां परिवार के लोगों के बीच दोनों सात फेरे लेंगे। सब कुछ तय हो गया, लेकिन 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध ने सबकुछ बिगाड़ दिया। युद्ध छिड़ने के कारण उनकी प्रेमिका भारत नहीं आ सकीं और उनकी प्रेम कहानी अधूरी रह गई। रतन टाटा का नाम सिमी ग्रेवाल के साथ भी जुड़ा , लेकिन दोनों शादी नहीं कर पाए।