Punjab New CM: पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बना सस्पेंस खत्म हो गया है। चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए सीएम होंगे। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। इस बात की जानकारी पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट करके दी। बता दें कि पंजाब में ऐसा पहली बार होगा जब कोई दलित नेता मुख्यमंत्री बनेगा।
सीएम पद को लेकर चल रहे सस्पेंस में वैसे तो कई नाम सामने आ रहे थे लेकिन आखिरकार चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगा है। मुख्यमंत्री की रेस में नवजोत सिंह सिद्धु, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी का नाम भी शामिल था। अंबिका सोनी ने तो खुद ही सीएम बनने से मना कर दिया और किसी सिख नेता को मुख्यमंत्री बनाने की सिफारिश की। काफी लंबे चले मंथन के बाद पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर भरोसा जताया है।
कल सुबह चरणजीत सिंह चन्नी लेंगे सीएम पद की शपथ
सीएम के तौर पर अपने नाम का एलान होने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया। अब कल सुबह 11 बजे पंजाब के नए सीएम के तौर पर चन्नी शपथग्रहण करेंगे।
कौन हैं चरणजीत सिंह चन्नी
एक मुखर नेता के रूप में अपनी पहचान रखने वाले चरणजीत सिंह चन्नी के बारे में माना जाता है कि वो गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं। युवा कांग्रेस से जुड़े रहे चरणजीत सिंह चन्नी राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। वो पंजाब की चमकौर साहिब सीट से विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के चरनजीत सिंह को करीब 12000 वोटों से शिकस्त दी थी। 2012 के चुनावों में चन्नी ने करीब 3600 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
चरणजीत सिंह चन्नी अमरिंदर सिंह की सरकार में तकनीकी शिक्षा और पर्यटन मंत्री थे। वे पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं।
पंजाब में नशा के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करने वाले चन्नी गीतों में इसे बढ़ावा दिए जाने का विरोध करते रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने सरकार की कमियों को लेकर भी कई बार आवाज उठाई है। चन्नी नवजोत सिंह सिद्धु के खेमे के माने जाते हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे की मांग करने वाले विधायकों में चन्नी भी थे।
पंजाब में दलित आबादी 30% से अधिक
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं इस लिहाज से कांग्रेस के इस फैसले को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। भारत में सबसे अधिक दलित सिख पंजाब में हैं। राज्य में दलित आबादी तीस फीसदी से अधिक है।
विवादों से नाता
वैसे तो चन्नी की दलित समुदाय में अच्छी पकड़ है लेकिन उनका नाम विवादों में भी रहा है। चन्नी का नाम #MeToo प्रकरण में भी सामने आ चुका है। एक महिला आईएएस अधिकारी को साल 2018 में गलत मैसेज भेजने को लेकर उनका नाम सामने आया था।
चन्नी का नाम एक और विवाद में सामने आया था जब वो पंजाब सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। दरअसल शिक्षा मंत्री रहते हुए चरणजीत सिंह चन्नी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। उस वीडियो में वो दफ्तर में सिक्का उछालते दिख रहे हैं। ये मामला मैकेनिकल लेक्चरर्स को संस्थान अलॉट करने से जुड़ा था। इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार को बहुत घेरा था।