Sweta Ranjan, New Delhi
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) की महायुति ने प्रचंड बहुमत हासिल कर राजनीतिक बाजी अपने नाम कर ली है। लेकिन अब सरकार गठन से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी खींचतान तेज हो गई है। यह मुद्दा महाराष्ट्र की राजनीति को एक बार फिर 2019 के दौर में ले आया है, जब सीएम पद पर मतभेद के कारण बीजेपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना का गठबंधन टूट गया था।
बीजेपी का बड़ा दावा, शिवसेना की नाराजगी
चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी ने 132 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी का खिताब अपने नाम किया है। अब बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। लेकिन शिवसेना (शिंदे गुट) ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलना चाहिए, क्योंकि महायुति की जीत एकनाथ शिंदे के चेहरे और उनकी लोकप्रियता के दम पर हासिल हुई है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय शिरसाट ने कहा, “चुनाव से पहले यह तय हुआ था कि अगर महायुति को बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री पद शिवसेना को दिया जाएगा। एकनाथ शिंदे ने ढाई साल मुख्यमंत्री का जिम्मा संभालकर बेहतरीन काम किया है। ऐसे में डिप्टी सीएम का ऑफर हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है।”
क्या फडणवीस फिर बनेंगे सीएम?
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में है। पार्टी का तर्क है कि अधिक सीटें जीतने के कारण यह उसका हक बनता है। वहीं, एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम पद या केंद्र में मंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन शिंदे ने इसे ठुकरा दिया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सीएम का फैसला तीनों दलों के आपसी समझौते से होगा। अमित शाह ने कहा था कि नतीजों के बाद महायुति का नेतृत्व मिलकर निर्णय करेगा। लेकिन फिलहाल, बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) अपने-अपने दावों पर अड़े हुए हैं।
2019 की याद दिला रही है खींचतान
यह सियासी खींचतान 2019 के विधानसभा चुनावों की याद दिला रही है। उस समय भी बीजेपी और शिवसेना (उद्धव गुट) ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सीएम पद को लेकर विवाद हुआ। शिवसेना ने दावा किया कि बीजेपी ने पहले ढाई साल शिवसेना के सीएम के लिए सहमति दी थी, लेकिन बाद में पलट गई। नतीजतन, शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली।
अब शिंदे गुट भी 2019 जैसी भाषा बोल रहा है। बीजेपी के खिलाफ पुराने वादों की दुहाई देकर अपनी सियासी ताकत दिखा रहा है।
क्या टूटेगा महायुति का गठबंधन?
महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री पद पर मचे घमासान से महायुति की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं। क्या बीजेपी और शिवसेना के बीच यह विवाद गठबंधन तोड़ने तक पहुंचेगा? या फिर दोनों पार्टियां कोई समझौता करेंगी?
यह तय है कि इस बार का फैसला महाराष्ट्र की राजनीति पर दूरगामी असर डालेगा। अब सभी की निगाहें बीजेपी के अगले कदम और शिवसेना (शिंदे गुट) की रणनीति पर टिकी हैं।