बॉलीवुड एक्टर राहुल बोस आज अपना 54 वां जन्मदिन मना रहे हैं, राहुल एक एक्टर होने के साथ-साथ एक बेहतरीन रग्बी और क्रिकेट प्लेयर भी हैं और बॉक्सिंग में भी दिलचस्पी रखते हैं। उनके जन्मदिन पर जानिए राहुल की लाइफ की कुछ और इंटरस्टिंग बातें।
27 जुलाई 1967 को कर्नाटक के बेंगलुरू में जन्मे राहुल बोस बचपन से ही एक्टिंग का शौक रखते थे, उन्होंने 6 साल की उम्र से ही स्कूल में नाटकों में हिस्सा लेना शुरु कर दिया था। उनके पिता का नाम रुपेन बोस और मां का कुमुद बोस हैं। राहुल खुद को आधे बंगाली, एक चौथाई पंजाबी और एक चौथाई महाराष्ट्रियन बताते हैं। उनका बचपन बेंगलुरु में गुजरा और फिर वे परिवार के साथ मुंबई आ गए। अपनी शुरुआती पढ़ाई उन्होंने मुंबई के कैथेडरल एंड जॉन स्कूल से की और फिर मुबंई के ही सिंडेंहम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमक्स से ग्रेजुएकशन किया।
राहुल बोस हिन्दी सिनेमा के ऐसे एक्टर हैं जो हुनर का खजाना होने के बाद भी लाइम लाइट से दूर ही रहते हैं, हां सोशल मीडिया पर वो काभी एक्टिव रहते हैं। वो अलग बात है कि ग्लैमर से दूरी बनाने की वजह से राहुल सुर्खियों में कम चमकते हैं, लेकिन फिल्म छोटी हो या बड़ी उनकी दमदार एक्टिंग की चमक दर्शकों को तारीफ करने पर मजबूर करती है।
अंग्रेजी व हिन्दी फिल्मों के अलावा राहुल बंगाली और तमिल फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। वैसे कम ही लोग शायद ये बात जानते होंगे कि एक्टिंग में आने से पहले राहुल विज्ञापन कंपनी रेडिफ्यूजन में काम किया करते थे और उन्होंने अफने करियर की शुरुआत बतौर स्क्रिप्ट राइटर की थी। राहुल बोस की डेब्यू फिल्म थी साल 1993 में आई द परफेक्ट मर्डर। इसके बाद उन्होंने नसीरुद्दीन के साथ फिल्म बॉम्बे बॉयज में काम किया लेकिन उन्हें वास्तविक पहचान मिली फिल्म मिस्टर एंड मिसेज अय्यर से।
कॉमर्शियल फिल्मों में कम दिलचस्पी रखने वाले राहुल बोस ने अपने उम्दा अभिनय की बदौलत इंग्लिश अगस्त, बॉम्बे बॉयज, तक्षक, चमेली, झनकार बीट्स, और मिस्टर एंड मिसेज अय्यर जैसी फिल्मों से खूब नाम कमाया और उनकी इसी काबिलियत के लिए फेमस मैग्जीन टाइम ने द सुपरस्टार ऑफ इंडियन आर्ट हाउस सिनेमा के खिताब से नवाजा था, जबकि ब्रिटिश मैग्जीन मैक्सिम ने उन्हें द सीन पेन ऑफ ओरिएंटल सिनेमा के खिताब से सम्मानित किया। राहुल की फिल्म इंग्लिश अगस्त और मिस्टर एंड मिसेज अय्यर ने कई अवॉर्ड अपने नाम किए हैं।
इनके अलावा शौर्य, कुछ लव जैसा, दिल धड़कने दो, प्यार के साइड इफेक्ट्स, चेन कुली की मेनकुली, दिल कबड्डी और मान गए मुगल ए आजम जैसी फिल्मों के जरिए राहुल ने दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई है। राहुल एक ऐसे कलाकार हैं जिन्हों हिट फ्लॉप की परवाह किए बिना फिल्में की हैं और हर फिल्म में पूरी शिद्दत से किरदार को जिया है।
अभिनय क्षेत्र के एक मंझे हुए कलाकार होने के साथ साथ राहुल प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, स्क्रिप्ट राइटर और सोशल एक्टविस्ट भी हैं, उन्होंने फिल्म पूर्णा: रेज हैज नो लिमिट का निर्देशन भी किया हैं। वैसे साल 2006 में आई बंगाली फिल्म अरुणानन में राहुल ने एक गाने को आवाज भी दी थी। जैसा आपको शुरुआत में बताया कि वे एक बेहतरीन रग्बी प्लेयर भी हैं, आपको शायद जानकर हैरानी हो कि राहुल इंटरनेशनल लेवल पर इंडिया के लिए रग्बी खेल चुके है। इतना ही नहीं बॉक्सिंग में वो सिल्वर मेडल भी जीत चुके हैं। राहुल क्रिकेट के शौकीन हैं और उन्होंने सैफ अली खान के पिता और मशहूर क्रिकेट प्लेयर मंसूर अली खान पटौदी से क्रिकेट की ट्रेनिंग ली है। राहुल अपने समाज सेवा भाव के लिए भी खूब जाने जात हैं। गुजरात भूकंप हो, आतंकी हमले या फिर सुनामी। राहुल ने हमेशा एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर जरुरतमंदों की मदद और समाज सेवा का काम करते हैं। शायद यही वजह है कि फिल्मों से ज्यादा राहुल अपने सेवा भाव के लिए चर्चाओं में रहते हैं।
बीते साल ही राहुल, अन्विता दत्त के निर्देशन में बनी फिल्म बुलबुल में दोहरे किरदार में नजर आए थे। अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन हाउस की इस फिल्म में राहुल के साथ तृप्ति डिमरी, अविनाश तिवारी और पाउली डैम जैसे कलाकारों ने काम किया है। ये फिल्म बीते साल 24 जून को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी। इस फिल्म के लिए जितनी तारीफ इसकी मुख्य महिला कलाकार तृप्ति की हुई है, उतनी ही तारीफ अपने दोनों किरदारों में राहुल ने भी पाई।