भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुआई वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने बुधवार की शाम मंत्रमिंडल का विस्तार किया। पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह पहला फेरबदल और विस्तार है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 43 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई है, जिसमें 15 कैबिनेट और 28 राज्यमंत्री शामिल हैं। मोदी की टीम में शामिल किए गए नए मंत्रियों के साथ प्रमोट किए गए 7 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई।
पीएम मोदी के अलावा अब केंद्रीय मंत्रीमंडल में कुल में 77 मंत्री हैं। बता दें कि फेरबदल और विस्तार से पहले कैबिनेट के कुल सदस्यों की संख्या 53 थी। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, कांग्रेस छोड़ भाजपा से जुड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है वहीं 12 मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई है। सात बार के सांसद वीरेंद्र कुमार ने भी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। जदयू नेता और बिहार से राज्यसभा सदस्य आर सी पी सिंह को भी केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी गई।
आज दिन भार की खबरों में जहां नये चेहरों का मंत्रीमंडल में शामिल होने की खबरें चर्चा में थीं वहीं भाजपा के कई दिग्गज चेहरों ने मंत्री पद से इस्तीफा भी दिया। आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर सहित 12 मंत्रियों ने इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा।राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर इन 12 मंत्रियों के इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया।
इस्तीफा देने वालों में केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री संतोष गंगवार (स्वतंत्र प्रभार), रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा, शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे, महिला और बाल विकास राज्यमंत्री देवोश्री चौधरी, पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो, रतन लाल कटारिया, प्रताप सारंगी और थावरचंद गहलोत भी शामिल हैं।
क्या कहा बाबुल सुप्रियो ने
पश्चिम बंगाल के आसनसोल से बीजेपी सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया। अपने इस्तीफे को लेकर बाबुल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मुझे इस्तीफा देने को कहा गया और मैंने ऐसा किया। मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया। मुझे इस बात की खुशी है कि आज मैं भ्रष्टाचार के किसी दाग के बिना जा रहा हूं। मैंने अपनी पूरी शक्ति के साथ अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा की और आसनसोल के लोगों ने दोबारा सांसद के रूप में वोट देकर मुझपर भरोसा जताया।”
उत्तर प्रदेश पर फोकस
मंत्रीमंडल के विस्तार में यूपी से सात मंत्री बनाए गए है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने जातीय और क्षेत्रीय पकड़ बनाने की कोशिश की है। इस लिहाज से तीन एससी वर्ग और तीन ओबीसी वर्ग के मंत्रियों को शामिल किया गया है। साथ ही एक ब्राह्मण को भी जगह दी गई है।
विस्तार से पहले चर्चा में रही मिर्जापुर विध्यांचल क्षेत्र से अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। अनुप्रिया ओबीसी वर्ग से आती हैं। वहीं एससी वर्ग से ताल्लुक रखने वाले अवध क्षेत्र में लखनऊ से कौशल किशोर, आगरा के सांसद एसपी बघेल को और बुंदेलखंड क्षेत्र के जालौन से सांसद भानुप्रताप सिंह वर्मा को शामिल किया गया है। ओबीसी वर्ग को लुभाने के लिए रूहेलखंड क्षेत्र से बदायूं के बीएल वर्मा और पूर्वांचल क्षेत्र में महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी को मंत्री बनाया गया है। रूहेलखंड क्षेत्र के लिए खीरी से सांसद अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल में जगह मिली है जो ब्राह्मण हैं।